मुनाफे के लिए करें जंगली गेंदे की खेती
नई दिल्ली। किसानों के लिए जंगली गेंदे की खेती काफी फायदेमंद साबित हो रही है। जंगली गेंदे के फूल और पत्तों से सुगंधित तेल बनाया जाता है। इसके अलावा इत्र और कीटनाशक दवाइयां बनाने में भी जंगली गेंदे का प्रयोग किया जाता है। किसान अपने खेत के आस-पास जंगली गेंदे के फूल के पौधों को लगाते हैं। क्योंकि इसकी गंध से जंगली पशु पास नहीं आते हैं, इसलिए दूसरी फसलों को भी नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं।
जंगली गेंदे के फूल का उत्पादन दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और आस्ट्रेलिया में अधिक होता है। भारत में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में इसकी खेती व्यावसायिक स्तर पर होने लगी है। इसके तेल का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, सांस और पेट संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है।
उत्तर भारत के मैदानी भागों में जंगली गेंदे की खेती, बीज की सीधी बुवाई अक्टूबर माह में की जा सकती है और पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी नर्सरी मार्च से अप्रैल माह में तैयार की जाती है।
फसल की कटाई
मैदानी भागों में अक्टूबर माह में लगाई गई फसल मार्च अंत से अप्रैल मध्य में और पहाड़ी क्षेत्रों में जून-जुलाई में लगाई गई फसल सितंबर-अक्टूबर में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
जंगली गेंदे की फसल के उत्पादन में करीब 3,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का खर्च आता है और फसल को बेचकर करीब 75,000 रुपये का नेट प्रॉफिट लिया जा सकता है।