Delhi Municipal Corporation will recognize the trees with the new technology of artificial intelligence

आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की नई तकनीक से पेड़ों को पहचान देगा दिल्ली नगर निगम

नई दिल्ली। आज के दौर में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के रोज नए नए चमत्कार देखने और सुनने को मिल रहे हैं। विश्व भर में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से होने वाले लाभ और नुकसान दोनों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसी सब के बीच दिल्ली एमसीडी ने पेड़ों को पहचान देने के लिए एआई की नई तकनीक की मदद लेने का फैसला किया है। ए आई तकनीक की मदद से पेड़ों को एक आभासी पहचान दी जाएगी। इस प्रक्रिया की शुरुआत दिल्ली नगर निगम ने कर दी है।

बता दें कि निगम के अधिकारियों ने दावा किया है कि सभी वार्डों में पेड़ों की गणना का कार्य पंद्रह दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। उद्यान विभाग द्वारा हर पेड़ पर एक क्रमांक संख्या अंकित की जाएगी। इस प्रक्रिया के प्रथम चरण में निगम कर्मियों द्वारा पेड़ों की गणना की जाएगी और दूसरे चरण में ए आई तकनीक की मदद से स्थान के साथ साथ पेड़ों की टैगिंग की जाएगी।

गौरतलब है कि ऐसा पहली बार होगा जब एआई तकनीक की मदद से पेड़ों को टैगिंग किया जाएगा। महापौर डा शैली ओबरोय ने बताया कि हरियाली को बढ़ावा देने और पेड़ों की वास्तविक संख्या के लिए निगम द्वारा पेड़ों की गणना कार्य किया जा रहा है। इस पहल से पेड़ों की पहचान आसानी से हो जाएगी और उनकी छंटाई में भी मदद मिलेगी। इससे सभी वार्डों में पेड़ों का सही आंकड़ा पता चल जाएगा। इस जानकारी के आधर पर जिन इलाकों में हरियाली कम होगी वहां पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा। आंकड़ों के आधर पर ही विभाग पौधारोपण तथा उनके रखरखाव की येाजना बनाएगा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली 2013 में ग्रीन कवर 20 फीसदी के आसपास था यह बढ़कर 23 फीसदी से अधिक हो गया है। दिल्ली सरकार ने अगले कुछ वर्षों में शहर के ग्रीन कवर को बढ़ाकर 27 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया है। इसमें एमसीडी की भी बड़े स्तरपर हिस्सेदारी होगी।

महापौर ने बताया कि दिल्ली में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। हरित दिल्ली कार्ययोजना 2023-24 के अंतर्गत नवंबर तक उद्यान विभाग द्वारा करीब 84,143 पौधे व 2,36,092 झाड़ियां लगाई जा चुकी हैं। इसी तरह पांच वनों को विकसित करने की योजना भी प्रस्तावित है।