हाइड्रोपोनिक तकनीक से बागवानी करना सीखेंगे दिल्ली के छात्र
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन होने से कृषि और बागवानी उत्पादन में तमाम तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं। जनसंख्या बढ़ने के कारण खेती का रकबा भी कम हो रहा है। जिसे देखते हुए अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को हाइड्रोपोनिक प्रणाली से बागवानी करने की शिक्षा दी जाएगी। हाइड्रोपोनिक प्रणाली खेती-बागवानी की चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकती है। समग्र शिक्षा के तहत 100 स्कूलों में हाइड्रोपोनिक सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए कार्यशाला आयोजित कर छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मिट्टी के बिना सब्जियों की खेती
इस तकनीक का उद्देश्य छात्रों को बिना मिट्टी के सब्जियों की खेती करने में सक्षम बनाना है। इसमें छात्रों को सब्जियों में पीएच स्तर और पोषक तत्वों का प्रबंधन करना भी सिखाया जाएगा। इसके अलावा पौधों को पोषक तत्व मिले इसके लिए भी जानकारी दी जाएगी।
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क्या है हाइड्रोपोनिक तकनीक?
हाइड्रोपोनिक कृषि और बागवानी की एक आधुनिक तकनीक है। इसमें बिना मिट्टी के पौधे उगाए जाते हैं। इस पद्धति में मिट्टी के बजाय सिर्फ पानी या फिर बालू व कंकड़ों के बीच पौधों की खेती की जाती है। नियंत्रित परिस्थितियों में 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर लगभग 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता में हाइड्रोपोनिक खेती की जाती है। पौधों में जरूरी पोषक तत्व व खनिज पदार्थों का एक विशेष घोल का उपयोग किया जाता है। इस घोल में फास्फोरस, नाइट्रोजन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटाश, जिंक, सल्फर और आयरन जैसे तत्वों को मिलाया जाता है।