नर्सरी टुडे डेस्क नई दिल्ली। आजकल बाज़ार में रसायन युक्त सब्जियां ही मिल रही है लेकिन लोग ऑर्गेनिक सब्जियां खरीदना चाहते हैं, जिसके लिए वो ज्यादा पैसे देने को भी तैयार हैं। सेहत का ध्यान रखते हुए जैविक सब्जी खाना ही उचित है। ऐसे में किसान के लिए ऑर्गेनिक तरीके से लहसुन की खेती करना फायदे का सौदा हो सकता है साथ ही वो इससे अपने आय को दोगुना कर सकते हैं। एक एकड़ के खेत में आप आराम से इसकी खेती कर 2 से 3 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं। आइये जानते है जैविक विधि से हम लहसुन की खेती कैसे कर सकते हैं।
ऐसे करें खेत की तैयारी
जुलाई महीने की गर्मी का वक़्त लहसुन की जैविक खेती के लिए सबसे उचित समय है। खेत की जुताई के बाद उसमें हरी खाद के साथ ढेंचा की बुवाई करें। समय-समय पर ध्यान से हरी खाद के साथ मिट्टी को पलटते रहें. खेती के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होना जरुरी है। भूमि के ढाल के अनुसार मेढ़ बनाकर लहसुन की बुआई की जा सकती है।
ऐसे करें खाद को तैयार
लहसुन की रोपाई के 15 से 20 दिन बाद सड़ी हुई गोबर की खाद और कम्पोस्ट को क्यारियों में मिलाकर मिटटी को और उपजाऊ बना सकते हैं। नीम की पत्तियों से निर्मित खाद से भी आप मिटटी को उपजाऊ बना सकते हैं।
लहसुन की सिंचाई का तरीका
पहली सिंचाई लहसुन की बुआई के 8 से 10 दिन के बाद, दूसरी सिंचाई को 20 से 25 दिन के अन्तराल पर मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर करनी चाहिए। लहसुन की फसलों को हमेशा निराई-गुड़ाई की जरुरुत होती रहती है।यह करने से इसकी पैदावार अच्छी होगी।
ऐसे करें इसका भण्डारण
पांच से छह महीने में लहसुन की फसल तैयार हो जाती है। लहसुन के पौधों की पत्तियों का पीला होने पर इसकी सिंचाई बंद कर दें और कुछ दिनों के बाद इसको मिट्टी से निकालना शुरु कर दें।3 से 4 दिनों तक इन गठिलें लहसुन को छाया में सुखाएं। घर के किसी भी सूखे स्थान पर आप इसे रख सकते हैं। यह लहसुन अगले 6 से 8 महीनों के तक भण्डारित करके रखा जा सकता है।