इस तकनीक से कृषि-बागवानी करने से पराली जलाने में आएगी कमी
नई दिल्ली। डेवलपमेंट एजेंसी आईडीएच के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डैन वेन्सिंग ने कहा कि रीजनरेटिव फार्मिंग मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए कवर फसलें उगाने और पोषक तत्वों को वापस मिट्टी में पहुंचाने से न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी, बल्कि पराली जलाने में भी कमी आएगी।कृषि और बागवानी में कवर फसलें वे पौधे हैं जो कटाई के उद्देश्य से नहीं बल्कि मिट्टी को ढकने के लिए उदेश्य से लगाए जाते हैं ताकी हवा में भूमि का क्षरण न हो सके।
डैन वेन्सिंग ने कहा, अलग-अलग माध्यम से पराली को बाहर निकालने, पोषक तत्वों को वापस मिट्टी में पहुंचाने के तरीके खोजने की जरूरत है। उन्होंने उर्वरता बढ़ाने के लिए मिट्टी में कार्बनिक कार्बन सामग्री को बढ़ाने के लिए नई टेक्नोलॉजीज को अपनाने की वकालत किया।
आईडीएच इंडिया के ‘कंट्री डायरेक्टर’ जगजीत सिंह कंडल ने कहा कि देश के कई हिस्सों में मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा घटकर एक प्रतिशत से नीचे आ रही है। उर्वरकों का उपयोग कम करने और प्राकृतिक खेती करना बेहतर होगा।