महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात के कारण टमाटर की फसल हुई बर्बाद
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के किसानों की समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही है, जहां एक ओर किसान अपनी उपज का उचित दाम न मिल पाने के कारण परेशान थे वहीं अब राज्य में बेमौसम बरसात ने किसानों पर बिजली सी गिरा दी है। जहां एक ओर अक्टूबर के महीने में किसान सूखे से परेशान थे वहीं नवंबर माह में अत्याधिक बारिश ने किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा दिया है।
जिले के कारंजा कस्बे की सड़कों पर बेमौसम बारिश के पानी ने अपना कब्जा कर लिया है। शहर के मुख्य मार्गों पर रास्तों पर पानी बहने लगा है। जिले के पांगरी नवघरे गांव को वाशिम से जोड़ने वाले रास्ते पर बने पुल पर से बारिश का पानी गुजरने के कारण गांव का शहर से संपर्क टूट गया है. मौसम विभाग ने वाशिम जिले में येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।
जिले जिले खंडाला गांव के किसान नारायण जयराम भोयर ने अपने दो एकड़ जमीन में टमाटर की खेती की थी। जिसमें उन्हें एक लाख रुपये तक का खर्च आया था। भोयर ने बताया कि कुछ समय में वो अपनी फसल की हार्वेस्टिंग करने वाले थे, लेकिन उसके पहले ही आसमानी आफत ने उसकी मेहनत पर पानी फेर दिया। भारी बारिश के कारण पूरी तैयार फसल नष्ट हो गई।
मुआवजे का इंतजार
जिले के किसानों का कहना है कि इस बेमौसम बारिश में सारी फसल खराब हो गई हैं। जयराम भोयर ने बताया कि उन्हें टमाटर समेत अन्य सब्जियों की फसल खराब होने से कम से कम तीन लाख का नुकसान हुआ है। ऐसा ही नुकसान अन्य किसानों का भी हुआ है। ऐसे में वो और अन्य किसान अब नुकसान झेल रहे हैं। उन्हें अब मुआवजे से उम्मीद है और उसी का इंतजार है। जिले में 300 एकड़ में टमाटर की खेती की जाती है. ऐसे में करोड़ों रुपये का नुकसान है।
बारिश से मराठवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मराठवाड़ा में कुल 47 हजार 109 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के खराब होने की बात सामने आई है. जिसमें 24 हजार 855 हेक्टेयर में बागवानी जबकि 22 हजार 97 हेक्टेयर में रबी फसलों का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान छत्रपति संभाजी नगर जिले के किसानों को हुआ है. इस क्षेत्र में 26 और 27 नवंबर से बारिश हो रही है। बेमौसम और अतिवृष्टि से 598 गांव प्रभावित हुए हैं. जिसमें से अकेले छत्रपति संभाजीनगर के 509 और परभणी के 75 गांव शामिल हैं।