औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती से कमाएं मुनाफा, सरकार देगी 50 फीसदी सब्सिडी
नई दिल्ली। बिहार सरकार प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें नई तकनीक से फसलें उगाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में बिहार के किसानों को औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के करने के लिए सरकार ने फसल विविधीकरण योजना की शुरुआत की है। इससे किसानों की न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी। सरकार इस योजना के तहत किसानों को भारी मात्रा में सब्सिडी भी दे रही है। तो ‘नर्सरी टुडे’ आपको इस योजना के बारे में विस्तार बताने जा रहा है।
नौ जिले के किसानों को मिलेगी सब्सिडी
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई फसल विविधीकरण योजना के तहत किसानों 50 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में इसकी शुरुआत 22 जनवरी को की गई है। इस योजना के पहले चरण में नौ जिलों को शामिल किया गया है, जिनमें जमुई, गया, पूर्वी चम्पारण, नवादा, सुपौल, पश्चिम चम्पारण, खगड़िया, सहरसा और वैशाली जैसे जिले शामिल हैं।
इन पौधों की खेती को मिलेगा बढ़ावा
बता दें कि फसल विविधीकरण योजना कई तरह की औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी है। इसके अंतर्गत फिलहाल पाम रोजा, लेमन ग्रास, तुलसी, खस, सतावरी की खेती को लिया गया है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
बिहार सरकार के कृषि विभाग के अनुसार, फसल विविधीकरण योजना के तहत, विभिन्न प्रकार के औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के लिए सरकार 50 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। फसल विविधीकरण योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही संबंधित जिले के उद्यान कार्यालय में जाकर इस योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।