पपीते की खेती से किसानों को हो रहा है फायदा, बिहार सरकार दे रही है किसानों को अनुदान
नई दिल्ली। बिहार में सरकार किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए पपीते की खेती करने वाले किसानों को अनुदान दे रही है। जिससे पपीते की खेती किसानों के लिए लाभदायक सौदा साबित हो रही है। उत्पादित फलों को बेचने के लिए भी किसानों को परेशान नहीं होना पड़ रहा है। व्यापारी खुद ही आकर अच्छी गुणवत्ता के फल खरीद रहे हैं।
बिहार के ही कैमूर के कुदरा के एक किसान बताते हैं कि उन्होंने एक एकड़ में पपीते की खेती जिसके लिए कृषि विभाग के बागवानी मिशन के तहत उन्हें अनुदान मिला है। उन्होंने रेड लेडी ताइवान प्रभेद के पपीते की खेती की है। इसके पौधे बागवानी विभाग के द्वारा उपलब्ध कराए गए थे।
खेत से खरीद ले जाते हैं व्यापारी
उन्होंने बताया कि पौधों से अच्छे फल आ रहे हैं। अधिकांश फल पेड़ पर ही पक कर तैयार हो जा रहे हैं। इसके चलते उन्हें बेचने में समस्या नहीं है। व्यापारी खुद ही आकर पपीते के फलों को खरीद कर ले जा रहे हैं। रामेश्वर बताते हैं कि उनकी पपीते की खेती को देखकर अन्य किसानों का भी इस ओर झुकाव हो रहा है।
45 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान
उद्यान पदाधिकारी सूरज पांडेय बताते हैं कि मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत जिले में 5 हेक्टेयर में पपीता की खेती करने का लक्ष्य प्राप्त है। इसके तहत प्रति हेक्टेयर कुल लागत 60 हजार रुपये में 75 प्रतिशत अर्थात 45 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जा रहा है।
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ऑनलाइन आवेदन करें
किसानों को अनुदान पर रेड लेडी प्रभेद का पौधा उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए किसानों को विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके लिए किसान के पास जमीन की रसीद, किसान पंजीयन संख्या और उसका फोटो अनिवार्य है।
पहले आओ पहले पाओ
आवेदन करनेवाले किसानों को पहले आओ पहले पाओ प्रक्रिया अपनाते हुए प्रति हेक्टेयर 2500 पौधे दिए जाते हैं। पौधे की कीमत विभाग द्वारा 20 रुपए निर्धारित की गई है, जिस पर साढ़े 13 रुपए सब्सिडी दी जाती है। पपीता के लिए प्रति हेक्टेयर मिलने वाला 45 हजार रुपये के अनुदान में पहले वर्ष में 75 प्रतिशत अर्थात 33750 रुपये दी जाती है, जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि दूसरे वर्ष दी जाती है।
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