उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में जादुई फूलों की खेती से किसान कर रहें है बंपर कमाई

नई दिल्ली। हमारे आस- पास कई सारे फूल हैं जिससे आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं का निर्माण किया जाता है। ये दवाईयां कई सारे असाध्य रोगों को दूर करने में सहायक होती हैं। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के किसान जादुई फूलों की खेती करके अपनी तकदीर बदल रहे हैं। बंजर भूमि पर भी किसान अब फूलों की खेती कर बंपर कमाई कर रहे हैं। इन फूलों से अल्सर रोग की दवा बनाई जा रही है। किसानों ने बताया की धान गेहूं से ज्यादा फूलों की खेती में कमाई है।

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किसानों ने बताया कि जादुई फूलों के पौधों का विकास बंजर जमीन पर भी हो रहा है। जिले के राठ ब्लाक के लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा किसानों ने जादुई फूलों की खेती शुरू कर दी है। किसान रघुविर सिंह ने बताया कि इस बार वे ढ़ाई एकड़ में जादुई फूलों की खेती कर रहें हैं। अब खेत में पौधे लहलहा गए है, फूल भी निकलने लगे हैं। अगले दो माह के बाद जादुई फूलों की तोड़ाई कराई जाएगी।

हमीरपुर जिला बागवानी पदाधिकारी आशिष कुमार पटेल ने बताया कि जादुई फूलों की खेती करने के लिए पूरे बुंदेलखंड़ में कृषि विभाग की ओर से किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुंदेलखंड़ के लगभग सभी इलाकों में जादुई फूलों की खेती हो रही है। वहीं कृषि अधिकारी रमेश चंद्र पाठक ने बताया की जादुई फूलों में कई सारे गुण पाए जाते हैं, जिसका उपयोग दवा निर्माण में किया जाता है। इसका वर्णन आयुर्वेद में भी मिलता है, इसका बाजार में अच्छा दाम भी मिलता है। इसलिए किसानों ने इस तरह की फूलों की खेती के तरफ कदम बढ़ाया है।

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गांव में ईट भट्टों पर काम करने वाले मदन पाल ने अपने काम को छोड़कर जादुई फूलों की खेती करना शुरू कर दिया है। मोटी कमाई होने कारण किसानों ने अब बड़े पैमाने पर इसकी खेती शुरू कर दी है। राजेंद्र सिंह, श्यामलाल समेत तमाम किसानों ने बताया कि अब जिलें में बड़े स्तर पर किसान इस फूल की खेती कर रहे हैं। इसकी खेती में बहुत कम लागत आती है और फायदा अधिक होता है। जादुई फूल तीन से चार महीने में तैयार हो जाता है। इसकी मांग मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई प्रदेशों में हैं जहां के व्यापारी यहां आते हैं। हमीरपुर जिले के आयुर्वेद चिकित्सक डां दिलीप त्रिपाठी ने बताया की जादुई फूलों से पेट संबंधी रोगों का इलाज हाता है और इससे कई दवा बनती है, जो असाध्य रोगों में सहायक होती है।

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