पैशन फ्रूट की खेती से किसान को हो रहा है बंपर मुनाफा, जानें कैसे कर सकते हैं इसकी खेती
नई दिल्ली। देश के अलग- अलग हिस्से में कई प्रकार के फल की खेती की जाती है। आज के बदलते समय में किसान परंपरागत खेती को छोड़कर, अब अच्छे मुनाफे वाली खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे है। किसान अब नए-नए फलों की खेती कर रहे हैं। ऐसा ही एक फल है, पैशन फ्रूट जिसे कृष्ण फल के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य तौर पर कृष्णा फल की पैदावार भारत और ब्राजील में ज्यादा होता है। इन देशों में इसकी खेती भी बहुत ज्यादा की जाती हैं। सरकारी आंकड़ों की मानें तो मणिपुर राज्य में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है। भारत के पूर्वोतर के राज्यों के लोग इस फल को काफी पसंद भी करते है। बताया जाता है कि इस फल के पत्ते की सब्जी भी बड़े चाव से खाई जाती है।
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कई रोगों में होता है सहायक
पैशन फ्रूट में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। कृषि के जानकारों के अनुसार इसकी 500 से अधिक किस्में हैं। पैशन फ्रूट पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिनों से भरपूर होता है। यह पोटेशियम, तांबा और कई अन्य विटामिन पाये जाते हैं । यह स्वाद में काफी खट्टा होता है लेकिन स्वास्थय के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। इसी कारण इसकी मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है। जानकारों के अनुसार ये फ्रूट पाचन शक्ति को बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है।
सबसे उपयुक्त है रेतीली मिट्टी
पैशन फ्रूट पहाड़ों में अच्छी तरह से उगता है। इसकी फसल को बहुत ज्यादा पानी की आवश्कता नहीं होती है। जिसके कारण आप इसे कम पानी वाले स्थानों पर भी उगा सकते है। इसकी खेती के लिए सभी तरह की मिट्टी को ठीक माना जाता है। लेकिन इसके लिए सबसे उपयुक्त रेतीली मिट्टी होती है। जुलाई में इसकी बुआई के बाद ठंड शुरु होने के आस-पास तक फल निकलने लगते है। कृष्णा फल के एक बीघे में लगभग 240 पौधे लगते हैं। इन पौधों को एक कतार में लगाया जाता है। जिसकी दूरी कम से कम 12 फीट के आसपास होती है। मार्केट में पैशन फ्रूट के 1 पौधे की कीमत लगभग 80 रुपये से लेकर 150 रुपये तक होती है। एक एकड़ में पैशन फ्रूट की खेती की जाती है तो इससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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