झारखंड के चाईबासा में किसानों को जरबेरा कॉरनेशन की खेती से हो रहा है मोटा मुनाफा
नई दिल्ली। झारखंड के चाईबासा में किसानों के लिए जरबेरा कॉरनेशन की खेती एक लाभ का सौदा साबित हुआ है। इस खेती के कारण किसानों की आर्थिक हालात में काफी सुधार हुआ है। जरबेरा कॉरनेशन की खेती में किसानों को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और खासा मुनाफा हो जाता है। मजे की बात है कि एक बार लगाने के बाद अगले पांच सालों तक उसे फूल के पौधे को दोबारा लगाने की आवश्यकता नहीं होती। एक जरबेरा के पौधे से एक सीजन में 40 कैंडल फूल निकलते हैं। जिसकी बाजार में सजावट के लिए काफी मांग होती है। इस फूल की मांग होने के कारण कृषकों को जारबेरा की खेती से अच्छी आमदनी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की सफलता को देखते हुए इस वर्ष भी उद्यान विभाग के द्वारा 10 कृषकों के समूह को जारबेरा फूलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है । किसानो की आर्थिक प्रगति के लिए जिला उद्यान विभाग के द्वारा जारबेरा की खेती के लिए 1000 मी का एक ट्यूब हाउस तथा उसमे लगाने के लिए जरबेरा के पौधे या उसके कंद दिए जाएंगे। एक जरबेड़ा के पौधे से एक सीजन में 35 से 40 कैंडल फुल निकलते हैं। जिनका मार्केट वैल्यू आम फूलों से ज्यादा रहता है। एक बार इसके पौधे या कंद को लगाने के बाद यह फूल अगले 5 वर्षों तक फूल देते रहता है। जिससे किसानो के लिए कम श्रम में अच्छी आमदनी के स्रोत खुल जाते हैं।
मजे की बात है कि फूलों की खरीदारी के लिए व्यापारी भी खेतों तक पहुंच कर उन फूलों को की खरीदारी का करने के लिए डील कर लेते हैं और इससे व्यापारियों को एक जगह से ही बड़ी मात्रा में फूल प्राप्ति हो जाती है और किसानों को पैसा भी प्राप्त हो जाता है ।
जिला उद्यान विभाग की माने तो यदि कृषक अच्छे तरीके से खेती करते हैं , तो 5 वर्षों में उनकी अच्छी आमदनी हो सकती है इसके लिए उन्हें थोड़ा सा समय और अपना श्रम देना पड़ेगा।