'Fruit cover bag' technology is becoming very popular among gardeners.

बागवानों के बीच खूब लोकप्रिय हो रही है ‘फ्रूट कवर बैग’ तकनीक

नई दिल्ली। बागवानों के लिए फ्रूट कवर बैग एक ऐसी तकनीक है, जिससे न सिर्फ कीटों एवं बीमारियों से फलों का बचाव होता है, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले फल भी मिलते हैं। यही नहीं, इससे निर्यात के मानकों के अनुकूल फलोत्पादन मिलता है और अच्छा मूल्य भी।

कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर के प्रभारी एवं फसल सुरक्षा विभाग के प्रोफेसर डॉ. आईके कुशवाहा ने कहा कि विदेशों में भारतीय फलों की काफी डिमांड है, लेकिन कई बागवान फलों की खराब गुणवत्ता को लेकर परेशान रहते हैं, जिससे उन्हें सही मूल्य नहीं मिल पाता। ऐसे में उनके लिए फ्रूट कवर बैग की तकनीक फायदे का सौदा हो सकती है। इसमें फलों को छोटी अवस्था में ही एक बैग से कवर कर दिया जाता है, जिससे फल मक्खी, कीट, फंगस आदि के प्रकोप से तो बचता ही है और पक्षी भी फलों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते।

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डॉ. कुशवाहा के अनुसार, बागवानों के बीच ये तकनीक खूब लोकप्रिय हो रही है। इससे फलों का जैविक उत्पादन करना भी आसान हो गया है। फल जैविक होता है तो उसकी सेल्फ लाइफ भी अधिक होती है। फ्रूट कवर बैग की उपयोगिता को देखते हुए बहुत-से नर्सरी वालों ने पौधों के साथ इसे भी बेचना शुरू कर दिया है।

करुण कुमार गुरेजा सहारनपुर के एक बड़े बागवान हैं और फ्रूट कवर बैग का प्रयोग कर रहे हैं। सीजन में उन्होंने आम का खूब निर्यात किया। वह कहते हैं कि इससे कलर और क्वालिटी बढ़िया मिलती है, जिससे निर्यात के लिए फल की काफी डिमांड रहती है। अच्छा भाव भी मिलता है।

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