बारिश से बर्बाद हुए बागवान, करोड़ों का नुकसान, नाले में बहा रहे सेब
हिमाचल प्रदेश में कई दिनों तक हुई बारिश से बागवानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें एक बागवान तोड़ा हुआ सेब नाले में बहा रहा है।
नर्सरी टुडे ब्यूरो
नई दिल्ली। इस बार बारिश ने हिमाचल प्रदेश के बागवानों को तगड़ा झटका दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस राज्य के मंडी जिले में 7687 सेब के बागवानों पर इसका सीधा असर पड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक, इस जिले में 1689 हेक्टेयर सेब की फसल खराब हो गई, जिसका आंकड़ा 4.87 करोड़ रुपये बैठता है। अगर इसमें अन्य फलों के नुकसान को मिला लिया जाए तो यह आंकड़ा 6.74 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है।
बागवानी विभाग की ओर से करवाए गए आरंभिक आकलन में कुल 2463 हेक्टेयर में बागवानी क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसमें 5579 पौधे विभिन्न फसलों के नष्ट हुए हैं। इसमें सेब के 4890 पौधे शामिल हैं। सेब की फसल को सबसे अधिक नुकसान सराज, करसोग, मंडी सदर व द्रंग में हुआ है, वहीं आम की फसल भी इस बार प्रभावित हुई है।
बागवानी विभाग, मंडी के उपनिदेशक संजय गुप्ता ने ‘नर्सरी टुडे’ को बताया कि मंडी की सेब घाटी कहे जाने वाले सराज में 600 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जबकि 1.43 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। इसी तरह 406 हेक्टेयर में 1.20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सदर में 87 हेक्टेयर में 40 लाख रुपये का नुकसान, द्रंग में 16 हेक्टेयर में आठ लाख रुपये का नुकसान, बालीचौकी में 163 हेक्टेयर में 59 लाख रुपये का नुकसान सेब की फसल को हुआ है, जबकि धर्मपुर में 46 हेक्टेयर में चार लाख रुपये, मंडी में 108 हेक्टेयर में 19 लाख रुपये, द्रंग में 21 हेक्टेयर में 12 लाख रुपये, सुंदरनगर में 216 हेक्टेयर में 44 लाख रुपये का नुकसान आम की फसल को पहुंचा है।
संजय गुप्ता के अनुसार, स्टोन फ्रूट में शामिल, पलम, आडू, कीवी आदि को 278 हेक्टेयर में 1.01 करोड़ रुपये का नुकसान का आकलन विभाग ने किया है। इसके अलावा खुमानी व नाशपती को भी खासा नुकसान पहुंचा है। बागवानी विभाग की ओर से 6.74 करोड़ रुपये का कुल नुकसान अभी तक आंका गया है। कुछ क्षेत्रों में सर्वे अभी जारी है, यह और बढ़ेगा। सबसे अधिक सेब की फसल प्रभावित हुई है। फिलहाल विभागीय आंकड़ों से इतर मानें तो 10 करोड़ रुपये से अधिक का ही नुकसान हुआ है।
इस बारे में मंडी के बागवान शमशेर अली ने ‘नर्सरी टुडे’ से कहा कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से सेब की फसल को काफी नुकसान हुआ है। सेब का साइज न बनने से अब मंडी में भी साइज के हिसाब से बागवानों को कम दाम मिल रहे हैं।
बागवान पवन कुमार ने कहा कि वर्षभर मेहनत कर बगीचों में सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद थी लेकिन भारी बारिश ने बागवानों की कमर तोड़ने का काम किया है। सरकार और विभाग को बागवानों को उचित मुआवजा देना चाहिए।
इस बारे में जब उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजीव चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि भारी बारिश की वजह से सेब का साइज नहीं बन पाया है। इसलिए बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसका हल यही है कि बागवान अपनी फसलों का बीमा करवाएं ताकि फसलों को नुकसान होने पर उन्हें उचित मु्आवजा प्रदान किया जा सके।
सेब को नाले में बहाने का वीडियो वायरल
हिमाचल ब्यूरो के अनुसार, भारी बारिश से दुर्गम क्षेत्रों की सड़कें काफी दिन से बंद पड़ी हैं। इसके चलते भी सेब के बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। रोहड़ू की बराल पंचायत के चैणु गांव के एक बागवान का तोड़ा हुआ 25 पेटी सी-ग्रेड सेब खराब हो गया, तो उसने उसे नाले में बहा दिया। नाले में सेब बहाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बागवानों में रोष है कि सरकार अभी तक सी-ग्रेड सेब खरीदने के लिए सभी क्लेक्शन सेंटर भी नहीं खोल पाई है। इन सेंटरों में मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सी-ग्रेड का सेब सरकार 9.30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदती है।
ओलावृष्टि से बिगड़ा सेब का आकार
पंजाब ब्यूरो के अनुसार, बारिश और ओलावृष्टि से सेब का आकार भी प्रभावित हुआ है। यही नहीं, सेब पर दाग भी पड़ गया है। अमृतसर, पंजाब और चंडीगढ़ में बागवानों को 10 किग्रा की पेटी के सेब के साइज की वजह से महज 250 से 300 रुपये मिल रहे हैं। चांजू, देहरा, खुशनगरी, देहरोग, तीसा, जसौरगढ़, सनवाल, भराड़ा, दियोला आदि क्षेत्रों के ग्रामीण सेब समेत अन्य फलों को बगीचों में उगाकर मंडियों में बेचने के लिए भेजते हैं। इससे ही उनकी आजीविका चलती है। ऐसे में इस बार मौसम की मार से बागवानों को खासा घाटा उठाना पड़ रहा है। बागवान सेब को साइज के आधार पर ही मंडियों में बेचने के लिए भेजते हैं।