बागवानी करने से भी मजबूत होती है मेंटल हेल्थ और कम होता है मानसिक तनाव !
बहुत से लोगों को अपने घरों के चारों ओर पेड़ पौधे लगाना पंसद होता है। वे अपने घर के आसपास तरह तरह के पौधे लगाते रहते हैं। ऐसे लोगों को बागवानी करने से अंदरूनी खुशी मिलती है, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी की बागवानी करने से व्यक्ति को मानसिक तौर पर हेल्दी रहने में मदद मिलती है। शोधों में पाया गया है कि जो भी व्यक्ति पेड़ पौधों और फूल पत्तियों की देखभाल में अपना समय बिताते हैं उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इन सब चीजों का अच्छा असर पड़ता है और वे अपनी समस्याओं को कुछ समय के लिए भूल जाते हैं। हाल ही में प्रकाशित किए गए एक रिसर्च पेपर में यह पाया गया कि पेड़-पौधों के बीच रहने वाले लोगों की मानसिक सेहत को इससे फायदा हो सकता है। इस स्डटी के परिणाम जर्नल पीएओएस वन में प्रकाशित किए गए और इस स्टडी को पूरा किया गया यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों द्वारा। स्टडी के अनुसार, गार्डनिंग करने से तनाव कम होता है और एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं भी कम होती हैं।
बागवानी करने से कैसे होती है मानसिक स्थिति बेहतर
दरअसल, एक्सपर्ट्स की राय यह है कि गार्डनिंग एक प्रकार की कला है जिसमें सीखने, योजनाएं बनाएं और रणनीति बनाने के साथ-साथ क्रिएटिविटी की जरूरत पड़ती है। इसके साथ-साथ शारीरिक गतिविधियां भी होती हैं जिससे मानसिक और फिजिकल एक्सरसाइज भी होती है।
एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षण होते हैं कम
प्रिवेंटिन मेडिसिन रिपोर्ट की एक स्टडी के अनुसार, गार्डनिंग करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षण कम होते हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अस्पतालों में फूल और पौधों को लगाने और उनकी देखभाल के काम में मरीजों को भी हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। दरअसल, बागवानी करते समय लोग मिट्टी में हाथ डालते हैं तो वह एंटी-डिप्रेशन दवा की तरह असर करती है। जिससे तनाव और डिप्रेशन के लक्षण कम होते हैं।
स्ट्रेस से मिलती है राहत
रोजमर्रा की जिंदगी में भागदौड़ के बीच लोगों के पास एक्सरसाइज और अन्य प्रकार की थेरेपीज के समय नहीं मिल पाता। ऐसे में रोजाना 10-20 मिनट गार्डनिंग करने से तनाव जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
ब्रेन फंक्शन होता है बेहतर
बागवानी करने से दिमाग के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है जिससे फोकस और एकाग्रता बढ़ती है। जिससे पढ़ने-लिखने वाले बच्चों और दिमागी मेहनत करने वाले लोगों को भी बहुत अधिक लाभ होता है।
बढ़ता है आत्मविश्वास
बाग-बगीचों में काम करने, पौधों को पानी देने और उनकी देखरेख जैसे काम करने से लोगों को खुशी मिलती है और इससे उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस या आत्म-विश्वास भी बढ़ता है।