किसानों को प्राकृतिक खेती के तौर तरीके सिखाने के लिए सरकार ने शुरु की कृषि सखी ट्रेनिग योजना
नई दिल्ली। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक ओर सराहनीय कदम उठाया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से ‘कृषि सखी’ प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। यह कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत शुरू किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस पहल का उद्देश्य 50,000 ‘कृषि सखियों’ को प्रशिक्षित करना है ताकि उन्हें कृषि मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय राष्ट्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र की तरफ से चरणबद्ध तरीके से प्रमाणन दिया जा सके। केंद्र इस काम के लिए नोडल संस्था है। प्रशिक्षण मॉड्यूल एनसीओएनएफ द्वारा तैयार किए गए हैं और अंतिम समीक्षा के लिए राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान को भेजे गए हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण आजीविका, चरणजीत सिंह ने सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन लाने में सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांवों को ‘समृद्धि गांव’ के रूप में बदलने और “लखपति” एसएचजी सदस्यों को बनाने में दोनों मंत्रालयों के लिए प्राकृतिक खेती पहल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ग्रामीण आजीविका के संयुक्त सचिव स्मृति शरण ने कहा कि प्रयोगशालाओं से मिट्टी तक टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर महत्वपूर्ण है और सामुदायिक संसाधन व्यक्ति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपी छोटे और सीमांत किसानों को प्राकृतिक खेती के माध्यम से उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।