गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में हरित विस्तार
नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन और मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए सरकार ने अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की शुरुआत की है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य उत्तर-पश्चिम भारत में पर्यावरण संतुलन को सुधारना और रेगिस्तान के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। परियोजना के पहले चरण में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में 8.6 लाख हेक्टेयर भूमि को हरित क्षेत्र में बदला जाएगा। यह वॉल पांच किलोमीटर चौड़ी होगी और अरावली पर्वतमाला के आस-पास के क्षेत्रों को कवर करेगी।
सरकार के अनुमान के अनुसार, राजस्थान में 5.8 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 7.7% क्षेत्र, हरियाणा में 6% क्षेत्र, दिल्ली में 64.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को हरित बनाया जाएगा।
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यह परियोजना भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। अरावली पर्वत श्रृंखला चंबल, साबरमती और लूनी जैसी नदियों का जल स्रोत है, लेकिन वनों की कटाई और अतिक्रमण के कारण यहां भूजल स्तर गिर रहा है, झीलें सूख रही हैं और जैव विविधता खतरे में है। इस ग्रीन वॉल के निर्माण से न केवल पर्यावरण को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम जैसे शहरों को भी रेगिस्तान के फैलाव से बचाया जाएगा।
मार्च 2023 में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 8.6 लाख हेक्टेयर भूमि को बहाल किया जा चुका है। सरकार ने इसके लिए 3 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। गुजरात में 3,000 हेक्टेयर, हरियाणा में 5,677 हेक्टेयर, राजस्थान में 8,600 हेक्टेयर क्षेत्र को इस पहल के तहत हरित किया जाएगा।
इस ग्रीन वॉल परियोजना से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में प्रदूषण कम होगा, जलवायु संतुलन बना रहेगा और कृषि भूमि को भी लाभ मिलेगा।