Himachal Pradesh from natural farming

हिमाचल में प्रत्येक पंचायत के 10 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ेगी सरकार

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में किसानों को प्राकृतिक खेती से अधिक आय प्राप्त करने के लिए प्रयास तेज हुआ है। इस वर्ष प्रत्येक पंचायत में 10 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने और 15 हजार हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाकर ऑनलाइन पंजीकृत किया जाएगा। लाहुल स्पीति के काजा और चंबा के पांगी क्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने का प्रयास होगा। सरकार की बजट को धरातल पर उतारने के लिए शिमला में राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने अधिकारियों को बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने और  आगामी वित्त वर्ष की कार्ययोजना 31 मार्च से पहले तैयार कर भेजने का निर्देश दिए। काजा और पांगी में उगने वाले फल, सब्जियों और अनाजों के विपणन के लिए भी उचित प्रबंध किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश फलों की खेती के लिए जाना जाता है। यहां सबसे ज्यादा सेब की उत्पादन होती हैं। राज्य के कुल सेब उत्पादन में अकेले शिमला जिले का हिस्सा 80 प्रतिशत है। सेब के पौधों को अधिक ठंड की आवश्यकता होती है। हिमाचल प्रदेश में सर्दियों और बर्फ भी जमकर पड़ती हैं। सरकार प्रदेश के सभी पंचायतों के 10 किसानों को  अब प्राकृतिक तरीके से फलों की खती के लिए प्रेरित करेगी।