डीयू में मियावाकी विधि से हरित क्षेत्र का विस्तार
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए जापानी वृक्षारोपण तकनीक मियावाकी विधि का प्रयोग किया जा रहा है। इस विधि से परिसर में तेजी से घना और हरा-भरा जंगल विकसित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस अभियान के तहत परिसर में नींबू का पौधा लगाया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के उधान समिति की अध्यक्ष प्रो. रूपम कपूर ने बताया कि कला संकाय के 300 वर्ग मीटर क्षेत्र में मियावाकी पद्धति से जंगल विकसित किया जाएगा। इस अभियान के तहत 750 से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यदि इसे सही तरीके से किया जाए तो भविष्य में यह राजधानी दिल्ली के हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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मियावाकी विधि जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित की गई थी। इस पद्धति में पौधों को एक-दूसरे के पास लगाया जाता है, जिससे वे तेजी से बढ़ते हैं। घनी वनस्पति के कारण खरपतवार को सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता, जिससे पौधों की वृद्धि में बाधा नहीं आती। इस तकनीक के तहत अलग-अलग ऊंचाई के पौधों की तीन श्रेणियां चुनी जाती हैं ताकि वे एक-दूसरे से कम प्रतिस्पर्धा करें। पारंपरिक विधि की तुलना में मियावाकी पद्धति से जंगल तेजी से विकसित होते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण और हरित क्षेत्र बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।