छत पर उगाएं फल, पाएं प्रदूषण और गर्मी से राहत
नई दिल्ली: आज के ज़माने में सही मायने में ज़मीन की कमी है, लेकिन इसके बावजूद भी हमें ताजे और ऑर्गेनिक फल चाहिए। इसकी प्राप्ति के लिए टैरेस गार्डनिंग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। अमरूद, संतरा और नींबू जैसे फलदार पौधे आसानी से गमलों या ग्रो बैग में उगाए जा सकते हैं। इन फलों से आपकी छत हरी-भरी रहने के साथ-साथ आपको शुद्ध हवा और गर्मी से राहत भी मिलेगी।
बाजार के फल पूरी तरह से केमिकल युक्त होते हैं, जबकि घर पर उगाए गए फल प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं। ये पौधे प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ-साथ घर के तापमान को भी कम करेंगे। एक बार लगाने के बाद ये सालों तक फल देते हैं।
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गमले का चयन: बड़े पौधों के लिए 18-24 इंच गहरा गमला या ड्रम लें। छत को नुकसान से बचाने के लिए गमले के नीचे तिरपाल या ट्रे रखें। 40% गार्डन मिट्टी, 30% जैविक खाद (गोबर खाद, वर्मीकंपोस्ट), 20% रेत और 10% कोकोपीट मिलाकर हल्की और पोषक मिट्टी बनाएं।
पौधे को 5-6 घंटे धूप में रखें। गर्मियों में रोज और सर्दियों में सप्ताह में 2-3 बार पानी दें। हर महीने वर्मीकंपोस्ट, गोबर खाद और नीम खली डालें। नीम तेल का छिड़काव करें और सूखे पत्ते हटाएं। अमरूद: 1-2 साल में, संतरा: 2-3 साल में, नींबू: 1-2 साल में फल देना शुरू कर देगा।
छत पर बागवानी को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए, पर्यावरण को साफ़ सुथरा रखने में रूफ टॉप गार्डनिंग बहुत लाभदयाक है, इससे आपकी सेहत ठीक रहने के साथ-साथ ताजे फल भी खाने को मिलेंगे।