गुरला के किसान फूलों की खेती से कर रहे हैं अपना गुज़ारा
गुरला: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के उदयपुर हाइवे पर स्थित एक छोटा सा कस्बा गुरला अपने विभिन्न प्रकार की फूलों की खेती के लिए जाना जाता है। यहाँ विभिन्न किस्मों के फूल सालों भर उगाए जाते हैं, जिसकी मांग राजस्थान के अलावा दुसरे प्रदेशों में भी है। स्थानीय किसान फूलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं, जिस्से उनकी आजीविका चलती है और वहां के लोगों की आर्थिक स्तिथि में भी सुधार हुआ है।
लक्ष्मण लाल माली बताते हैं कि गुलाब के फूल भीलवाड़ा की मंडियों में किलो के हिसाब से बेचे जाते हैं। गुलाब की खुशबू और सुंदरता के कारण त्योहारों, खासकर नवरात्रि और दीपावली पर इनकी मांग बढ़ जाती है। इस साल भी फूलों की बम्पर पैदावार हुई है, और दीपावली के मौके पर व्यापारी अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और नाथद्वारा फूल खरीदकर ले गए हैं।
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गुरला के पास स्थित रणजीत सागर तालाब से यहाँ के किसान पानी लेकर फूलों में डालते हैं। यह तालाब बारिश और मातृकुंडिया नहर के पानी से लबालब रहता है, जिससे किसानों को फूलों के साथ-साथ रबी और खरीफ फसलों के लिए भी पर्याप्त पानी मिल जाता है। किसान उन्नत किस्म के बीज मध्यप्रदेश के रतलाम और अजमेर के पुष्कर से मंगाते हैं। ये बीज महंगे तो होते हैं, लेकिन उच्च कोटि के कारण फूलों की बम्पर पैदावार होती है।
गुरला के किसानों की कड़ी मेहनत के कारण यह क्षेत्र फूलों की खेती का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। त्योहारों के मौसम में फूलों की बढ़ती मांग के कारण वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है, जिससे यह खेती उनकी आजीविका का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है।