Hariyali Amavasya: 17 को है हरियाली अमावस्या, जरूर लगाएं ये पौधे

नर्सरी टुडे डेस्क

नई दिल्ली। श्रावण मास की अमावस्या को ‘हरियाली अमावस्या’ के रूप में मनाया जाता है, जो हरियाली तीज के तीन दिन पहले पड़ती है। इस दिन पेड़-पौधों को लगाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आम, आंवला, पीपल, वट वृक्ष और नीम के पौधों को रोपने से देवता और पितृ प्रसन्न होते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. उदय शंकर भट्ट ने ‘नर्सरी टुडे’ को बताया कि इस वर्ष हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा क्योंकि यह दिन सोमवार को पड़ रहा है।

पं. उदय शंकर भट्ट बताते हैं कि प्रकृति मानव सभ्यता का आधार है, इसलिए प्रकृति के साथ चलने के लिए प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने इस परंपरा को उद्योग में लाया है। ऋषि-मुनियों ने हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण करने की शुरुआत की, क्योंकि पेड़ पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। इसलिए पेड़ पौधों को संरक्षित करने के लिए यह परंपरा तब से लेकर आज तक चली आ रही है। उन्होंने बताया कि हम साल भर पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं, लेकिन इस दिन हम प्रकृति को बचाने के लिए एक साथ परंपरिक मान्यता के अनुसार पौधरोपण करते हैं।

पौधे लगाने से प्रसन्न होते हैं देवता और पितृ
पंडित उदय शंकर भट्ट बताते हैं कि विज्ञान भी यही कहता है कि जो पौधे ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं, उन्हें ज्यादा से ज्यादा लगाना चाहिए। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी आम, आंवला, नीम, वट और पीपल जैसे वृक्ष और तुलसी जैसे पौधे हरियाली अमावस्या के दिन लगाने चाहिए। उनका कहना है कि हम अपने पितरों की याद में उनके नाम का एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। इससे देवताओं के साथ-साथ पितृ भी प्रसन्न होते हैं।

हरियाली अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या की तिथि 16 जुलाई रात 10 बजकर 8 मिनट से शुरू होगी और 18 जुलाई को रात 12:01 बजे तक रहेगी। अतः 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या या हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

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