हरियाणा के किसान टमाटर की खेती से कर रहे हैं मोटी कमाई
पलवल: किसानों का रुझान अब परंपरागत खेती से हटकर बागवानी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। किसान आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए अब बागवानी की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। बागवानी विभाग भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रही है और किसानों को अनुदान देकर इस छेत्र को आगे बढ़ाने की भरपूर कोशिश कर रही है। बागवानी में मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, सब्जियों और फलों की खेती के साथ मसालों की खेती शामिल है।
हॉर्टिकल्चर विभाग हरियाणा द्वारा पलवल जिले में वर्ष 2024-25 के लिए स्टेकिंग यानी बांस बल्ली पर बेल वाली फसलों को चढ़ाने के लिए 130 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है. हॉर्टिकल्चर विभाग पलवल द्वारा यह लक्ष्य पा लिया गया है। सरकार किसानों को प्रति एकड़ Rs 46,000 की सब्सिडी प्रदान कर रही है, साथ-साथ किसानों को टमाटर जैसी फसलों को बांस बल्लियों के सहारे उगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा जिससे फसल में रोग कम लगे और उत्पादन अधिक हो।
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पलवल के प्रगतिशील किसान खेमचंद और गोविंद ने आधुनिक तरीके से 4 एकड़ भूमि पर टमाटर की खेती शुरू की है। बेल पर उगने वाले टमाटर को बांस बल्लियों के सहारे चढ़ाया जाता है। जैविक खाद का उपयोग करके खेती की जाती है, जिससे न केवल फसल स्वस्थ रहती है, बल्कि बाजार में अच्छी मांग भी रहती है। टमाटर की फसल से प्रति एकड़ लाखों रुपये का लाभ हो रहा है। खेमचंद और गोविंद बताते हैं कि बागवानी की फसलें परंपरागत फसलों की तुलना में अधिक लाभदायक हैं।
बागवानी विभाग द्वारा दिए गए समर्थन और किसानों की मेहनत से यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। टमाटर जैसी फसलों की मांग और उत्पादन क्षमता को देखते हुए, यह किसानों के लिए एक मुनाफेदार विकल्प साबित हो रहा है।