हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में 2025 से बागवानी वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जएगा
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से माध्यमिक विद्यालयों में बागवानी को वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू करने जा रही है। इसका मकसद छात्रों को राज्य की बागवानी परंपरा से जोड़ना है । कक्षा 11 और 12 के छात्रों को यह विषय चुनने की अनुमति दी जाएगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उच्च शिक्षा निदेशालय को इस नए विषय के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
मंत्री ने कहा कि बागवानी हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक अहम् हिस्सा है। स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर, सरकार युवाओं में बागवानी के प्रति रुचि बढ़ाने की कोशिश कर रही है। यह फैसला खास तौर पर शिमला, कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे सेब उत्पादक जिलों के लिए लिया गया है, ताकि वहां युवा फिर से बागवानी में रूचि लेने लगें।
ठाकुर ने कहा, “कई युवाओं का बागवानी से रूचि समाप्त हो रहा है, जिससे उनके परिवारों के बगीचे प्रवासी मजदूरों पर निर्भर हो गए हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा तो हिमाचल प्रदेश बागवानी के क्षेत्र में अपनी पहचान खो सकता है।”
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बागवानी पढ़ाने के लिए विशेष डिग्री वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के साथ भी चर्चा चल रही है ताकि भर्ती के नियम और दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकें।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों में बागवानी को बढ़ावा देने से छात्रों का पारिवारिक बगीचों से जुड़ाव बढ़ेगा, आय के अवसर मिलेंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके लिए सेब उत्पादक क्षेत्रों में एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र बागवानी पाठ्यक्रम में नामांकन लें। यह पहल बेहतर कौशल प्रदान करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।