हिमाचल में साइट्रस फलों के लिए 54 खरीद केंद्र, किसानों को मिलेंगे तय दाम

शिमला: हिमाचल प्रदेश में किसान अब 15 फरवरी 2025 तक अपने खेतों में तैयार किन्नू, माल्टा, संतरा और गलगल की फसल को सरकारी दरों पर बेच सकते हैं। सरकार ने किन्नू, माल्टा और संतरा की बी और डी ग्रेड के लिए 12 रुपये प्रति किलो और गलगल के लिए 10 रुपये प्रति किलो दाम तय किए हैं। सरकार के इस फैसले से किसानों को अधिक लाभ होने की संभावना है।

किसानों की सुविधा के लिए उद्यान विभाग ने प्रदेश भर में 54 फल विक्रय केंद्र खोले हैं। इनमें कांगड़ा में 21, मंडी में 13, ऊना में 5, हमीरपुर में 5, बिलासपुर में 5, सिरमौर में 2, सोलन में 2 और कुल्लू में 1 केंद्र शामिल हैं। इन फलों को हिमाचल प्रदेश सरकार की मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदा जाएगा। इसके लिए हिमफेड और एचपीएमसी (हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम) की जिम्मेदारी तय की गई है।

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ग्रेडिंग और फसल की शर्तें: किन्नू, माल्टा और संतरा का आकार 51 मिमी तक होना चाहिए। फलों में किसी प्रकार का कट या कीड़ा नहीं होना चाहिए। ग्रेड डी  के फलों का आकार 40-50 मिमी के बीच होना चाहिए। गलगल के लिए कोई ग्रेडिंग नहीं है, लेकिन फल साफ-सुथरा होना जरूरी है।

विभाग के अनुसार, साल 2023 में प्रदेश में साइट्रस फलों की 24 हजार मीट्रिक टन फसल हुई थी। लेकिन इस साल सूखे के कारण यह उत्पादन घटकर 20 हजार मीट्रिक टन रहने का अनुमान है। इस पहल से किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रदेश में फल उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ावा भी देगी।