बागवानी विभाग ने हरियाणा के जींद में लगाई गई प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला
नई दिल्ली। हरियाणा के जींद में बागवानी विभाग ने किसानों को पारंपरिक खेती के स्थान पर बागवानी करने के लिए प्रेरित करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला जींद के घोघड़िया गांव में वीरवार को आयोजित की गई। इसमें किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सिंह ने शिरकत कर किसानों को नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
कार्यशाला के दौरान डॉ. अर्जुन सिंह ने किसानों को बताया कि अब किसानों को खेती में बदलाव करने की जरूरत है। इस बदलाव में प्राकृतिक तरीके से बागवानी खेती सबसे बेहतर विकल्प है। बागवानी में नई-2 तकनीकों को अपनाकर किसान अधिक से अधिक आमदनी ले सकते है। उन्होंने बताया कि किसानों के लिए फ ल व सब्जियों की गेहूं व चावल की तरह कोई बड़ी मंडियां नहीं है। इस कारण से किसान बागवानी क्षेत्र में एक अच्छा मुनाफा नहीं ले पा रहे हैं।
विदेशों में फ ल व सब्जियां की पक्की व बड़ी मंडियां है। इस कारण से फल व सब्जियां ज्यादा समय तक खराब नहीं होती और बागवानी क्षेत्र में किसान अच्छा मुनाफा ले रहे हैं। विदेशी तर्ज पर सरकार द्वारा सोनीपत में गन्नौर मंडी का शिलान्यास किया गया है। इसमें प्रदेशभर में सभी जिलों में इंटीग्रेटिड पैक हाऊस, कोल्ड स्टारेज चेन व प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से किसानों के फल व सब्जियां गन्नौर मंडी मेें मार्केटिंग के लिए भेजी जाएगी। इस प्रकार की मंडियों से ताजे फ ल व सब्जियां विदेशों में निर्यात किए जाएंगे। इससे किसानों को फसल का उचित मूल्य भी मिलेगा व किसान की आय दोगुनी होगी।
इस अवसर पर कृ षि एवं किसान कल्याण विभाग, मत्स्य विभाग, सहायक कृषि अभियंता, हमेटी, विषय वस्तु विषेशज्ञ, होडल, खाद्य तकनीशियन ने कार्यशाला में भाग लेकर अपने विभाग से संबंधित योजनाओं के बारे में स्टॉल लगाकर जानकारी दी। इसमें जिलेभर से 500 से ज्यादा किसानों ने शामिल होकर विभागों की योजनाओं की जानकारी ली। इस अवसर पर जिला बागवानी अधिकारी डॉ. विजय पान्नू, जिला बागवानी सलाहकार असीम जांगड़ा ने भी किसानों को उनके विभाग की तरफ से योजनाओं पर मिलने वाले अनुदान के बारे में जानकारी दी।
बागवानी की खेती में हुई अच्छी बढ़ोतरी
बीते पांच वर्षों में जिला में बागवानी के किसानों की संख्या में लगभग दस गुणा बढ़ौतरी हुई है। इससे पहले बागवानी की तरफ जिला के किसानों का कोई रुझान नहीं था। जिला बागवानी विभाग के अधिकारियों द्वारा लगाए गए जागरूकता शिविरों व योजनाओं का लाभ किसानों को देकर इस फसल की तरफ प्रोत्साहित किया है। विभाग के अधिकारियों की मेहनत की बदौलत बीते दो वर्ष पहले जींद प्रदेश में बागवानी की खेती में प्रथम स्थान पर रहा था।