कैसे करें फलो के राजा आम की खेती, जानें इसके उन्नत किस्में
नई दिल्ली।आम को फलों का राजा कहा जाता है, यह तो आप जानते हैं। इसकी मांग बाजार में ज्यादा है। सराकार आम के बागवानी लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रही हैं। क्योंकि आम की बागवानी से किसानों को काफी लाभ हो रहा है। आज हम आपको आम के फलों की खेती के बारे में बताएंगे। कि कैसे बहुत ही कम खर्च में आप आम की खेती कर पाएंगे।
आम की खेती पर्यावरण के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इससे आसपास की हवा स्वच्छ होती है। इसके अतिरिक्त जलसंरक्षण के क्षेत्र में भी सुधार होता है, क्योंकि पेड़ पौधे लगाने से आस पास तक भू जल स्तर में सुधार देखने को मिलता है।
आम की खेती इस विधि से करें।
पहले आम की किस्सों का चयन करें। क्योंकि आम की खेती बार बार फसल काटने और लगाने वाली खेती नहीं हैं। इसलिए आम की उन्नत किस्मों से बगानी शुरू करें।,भूमि का चयन करके वहां सिंचाई की सुविधा को भी विकसित कर लें। इसके अतिरिक्त जानवरों से बचाव हेतु अच्छी तरह से घेराव करें, इससे जानवरों से बचाव तो होगा ही साथ ही आपका फसल सुरक्षित रहेगा।
आम के लिए दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त
किसी भी पेड़-पौधे के विकास के लिए दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त होती है। लेकिन सभी प्रकार की मिट्टी में आम की खेती संभव हो सकती हैं। वर्षा के मौसम में पानी इकट्ठा न हो इसका खास ख्याल रखा जाना चाहिए। साथ ही बेहतर जल निकास का प्रबंध भी होना चाहिए।सिंचाई का प्रबंध होना चाहिए, यदि संभव तो ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को ही बगीचे में इंस्टॉल करें। ताकि पेड़ की अधिक प्रभावी सिंचाई हो सके। बूंदा बांदी से की गई सिंचाई पेड़ को अधिक फायदा देती है।
प्रदूषित वातावरण में आम की खेती नहीं हो सकती है, यदि जमीन ईंट भट्टों या चिमनियों के पास है तो ऐसे में वहां खेती न करें, इससे फसल प्रभावित होंगी।आम की पौधा लगाने के लिए जून का माह में करना सर्वोत्तम रहता है। 4 से 6 इंच वर्षा हो जाने के बाद गड्ढे तैयार कर लें, गड्ढे तैयार करने के बाद आम का रोपण करें।15 जुलाई से लेकर 15 अगस्त के बीच आम का रोपण कभी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह संपूर्ण वर्षा का मौसम है।
आम की देशी प्रजाति
बंबइया किस्म के आम
इस किस्म के फलो को तैयार होने में कम समय लगता है। इसके फल पकने के बाद भी हरे रंग के दिखाई देते है। आम की यह किस्म मई के महीने में पककर तैयार हो जाती है ।
लंगड़ा आम
लंगड़ा आम का सबसे अधिक उत्पादन बनारस में किया जाता है। बनारस को लंगड़ा आम का जन्मस्थल भी कहा जाता है।इस किस्म के आम का स्वाद बहुत अनोखा होता है, जिस वजह से लंगड़ा आम को बहुत अधिक पसंद किया जाता है ।
दशहरी
दशहरी किस्म का आम उत्तर प्रदेश राज्य में अधिक मात्रा में उगाया जाता है।इस किस्म के पौधों को अधिक उत्पादन देने लिए उगाया जाता है। इसमें निकलने वाले फलो का स्वाद अधिक मीठा होता है।
आम्रपाली
संकर प्रजाति की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली दशहरी और नीलम किस्म के साथ संकरण कर तैयार की गई है। इस किस्म में निकलने वाले फलो का आकार सामान्य होता है।