guava cultivation

कैसे करें अमरुद की बागवानी, जानें एक साल में कितना होता है मुनाफा

नई दिल्ली। भारत में कई तरह की फलों की बागवानी की जा रही है, आज के बदलते समय में भारत में अमरुद की खेती से किसानों को बंपर कमाई हो रही है, इसकी वजह यह है कि न केवल आयुर्वेद इसे  स्वास्थ्य वर्धक भी बताता  गया है ,बल्की इसकी  अनेक प्रजातियां अपने दाम के अनुसार हर गरीब अमीर के पहुंच में हैं।  अमरूद भारत की जमीन- जलवायु से इतना घुल मिल गया है कि इसकी खेती अत्यंत सफलतापूर्वक की जा रही है। वर्तमान समय में   उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडू में इसकी खेती की जा रही है। सबसे ज्यादा अमरुद की उत्पादन पंजाब राज्य में हो रहा है।

अमरुद का स्वाद खाने में अधिक स्वादिष्ट और मीठा होता है। यह एक ऐसा फल है जिसका वर्णन आयुर्वेद में भी किया गया है। अमरूद सस्ता होने के कारण गरीबों का सेब भी कहा जाता है। यह विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस से भरपूर होता है।

एक एकड़ में 10 लाख तक की कमाई     

किसान एक बार अमरुद की रोपाई कर 30 वर्ष तक पैदावार कर सकते हैं।किसान एक एकड़ में अमरूद की खेती से 10 लाख  रूपए सालाना कमाई कर सकते हैं। अगर आप भीअमरूद की बागवानी करने का मन बना रहे हैं यह स्टोरी आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है।

अमरुद की प्रमुख किस्म

पंजाब पिंक

इस किस्म के फल बड़े आकार और आकर्षक होते हैं। इसका गुद्दा लाल रंग का होता है।

इलाहाबाद सफेदा

यह इलाहाबाद के आस-पास होता है इसका फल गोलकार होता है। इसके गुद्दे का रंग सफेद होता है।

ओर्क्स मृदुला

इसके फल बड़े आकार के, नर्म, गोल और सफेद गुद्दे वाले होते हैं। इसके एक पौधे से सालाना 144 किलोग्राम तक फल प्राप्त हो जाता है।

श्वेता

इस किस्म के फल का गुद्दा क्रीमी सफेद रंग का होता है। फल में सुक्रॉस की मात्रा 10.5 से 11.0 प्रतिशत होती है।

पंजाब सफेदा

इस किस्म के फल का गुद्दा क्रीमी और सफेद होता है। फल में शूगर की मात्रा 13.4 प्रतिशत होती है

अन्य उन्नत किस्में

चित्तीदार, पंत प्रभात, ललित इत्यादि अमरूद की उन्नत व्यापारिक किस्में है। इन सभी किस्मों में टीएसएस की मात्रा इलाहबाद सफेदा और एल 49 किस्म से ज्यादा होती है।

खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

अमरूद का पौधा उष्ण कटिबंधिय जलवायु में होने वाला पौधा हैं। भारतीय जलवायु के अनुसार इसकी खेती जल निकासी वाले श्रेत्रों में कि जाती है।

अमरुद की खेती के लिए जलवायु

अमरूद की खेती भारत के किसी भी क्षेत्र में अत्यंत सफलतापूर्वक आसानी से की जा सकती है। इसका पौधा अधिक सहिष्णु होने के कारण इसकी खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी एवं जलवायु में बड़ी ही आसानी से की जा सकती है।

अमरुद लगाने के समय

फरवरी-मार्च या अगस्त-सितंबर का महीना अमरूद के पौधे लगाने के लिए सही माना जाता है।

बाजार में अमरुद का भाव

अमरुद का स्वाद खाने में अधिक स्वादिष्ट और मिठा होता है, जिस वजह से इसे खाने के लिए सबसे ज्यादा लोग उपयोग करते है। जिसके कारण इसका मांग बाजारों में भी ज्यादा है। आज किसान अमरूद की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं।