कैसे तैयार करें टमाटर की नर्सरी
नई दिल्ली। आज के समय में किसान परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीकी खेती कर रहे हैं, जिसमें गुणवत्तापूर्ण पौधों की जरूरत होती है। अगर आप नर्सरी व्ययव्साय से जुड़े है तो आपके लिए यह खबर काफी महत्वपूर्ण हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप टमाटर की नर्सरी तैयार कर सकते हैं।
टमाटर की नर्सरी क्या है?
टमाटर की नर्सरी को एक ऐसे स्थान के रूप में माना जा सकता है ,जहां टमाटर की छोटे पौधों की देखभाल प्रारंभिक चरणों के दौरान की जाती है, जब तक वे खुले मैदान में रोपण के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हो जाते। टमाटर नर्सरी प्रबंधन एक तकनीकी कार्य है जिसमें गुणवत्तापूर्ण पौध के उत्पादन के लिए विभिन्न चरणों में उचित ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
नर्सरी में टमाटर के अलावा कौन-कौन से सब्जियों के पौध तैयार की जाती है?
टमाटर
बैगन
मिर्च
शिमला मिर्च
फूलगोभी
पत्ता गोभी
अंकुरित ब्रोकली
खीरा
इसके अलावा और भी कई सारे सब्जियों के पौधे तैयार किए जा रहे है।
टमाटर की नर्सरी के लिए जगह का चयन कैसे करें
नर्सरी क्षेत्र को पालतू और जंगली जानवरों से बचाने के लिए अच्छी तरह से घेरा लगाई जानी चाहिए।
जल का स्रोत होना चाहिए।
जलभराव से मुक्त होना चाहिए।
नर्सरी क्षेत्र में सूर्य का प्रकाश होना चाहिए।
जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
टमाटर के नर्सरी के लिए मिट्टी की गुणवत्ता
टमाटर के लिए छोटे पौधे लगाने के लिए दोमद मिट्टी होना चाहिए। मिट्टी का pH लगभग 6 से 7 होना चाहिए। मिट्टी सामान्य रूप से सभी आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए।
नर्सरी लगाने के लिए भूमि की अच्छी से जुताई होना चाहिए। उसके बाद खेत से पत्थरों और खरपतवारों को हटा देना चाहिए।
खेत में खाद कम्पोस्ट या लीफ कम्पोस्ट या 500 ग्राम वर्मी कम्पोस्ट प्रति वर्ग मीटर मिलाकर मिट्टी में मिला दें।
नर्सरी में टमाटर तैयार करने की विधि
टमाटर की नर्सरी तैयार करते समय सबसे पहले मिट्टी की अच्छी तरह जुताई कर के उसे भुरभुरी बना लें।
मिट्टी में समान रूप से सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद मिलाएं।
अब बीज की बुवाई के लिए क्यारियां तैयार कर लें।
क्यारियों को जमीन की सतह से 10 से 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर बनाएं।
प्रति एकड़ जमीन में टमाटर की खेती के लिए 150 से 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
प्रति किलोग्राम बीज को 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करने बाद बुवाई करें।
बीज की बुवाई करीब 5 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
बीज की बुवाई अधिक गहराई में न करें। इससे अंकुरण में समस्या आती है।
आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करते रहें।
बुवाई के करीब 20 से 25 दिनों बाद पौधे मुख्य खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
नर्सरी में पौधों को कीट एवं रोगों के प्रकोप से बचाने के लिए प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर नीम का तेल मिला कर छिड़काव करें।