ICAR-IIHR ने खोजी कटहल की अनूठी किस्म

आईआईएचआर बेंगलुरु ने हाल ही में अद्वितीय विशेषताओं के साथ कटहल की एक नई किस्म की पहचान की है, जिसमें बिना सीजन के भी यानी अगस्त से अक्टूबर के महीने में भी अच्छी पैदावार देने की क्षमता है। कटहल की इस नई किस्म का नाम ‘सिद्दू’ और ‘शंकरा’ है।

दरअसल, बेंगलुरु के बाहरी इलाके हेसरघट्टा में किसान नागराज के खेत में पाई जाने वाली कटहल की इस नई किस्म ने अपने असाधारण स्वाद, पोषण मूल्य, जैम, स्क्वैश और फ्रूट बार जैसे उत्पाद बनाने की क्षमता के कारण आईआईएचआर वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस किस्म का वजन लगभग 25 से 32 किलो तक है।

निदेशक संजय सिंह के मार्गदर्शन में आईआईएचआर पिछले तीन वर्षों से कटहल के इस पेड़ का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। इसके तहत इसकी विशेषताओं और पोषण मूल्य का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें यह पता चला है कि कटहल की इस किस्म में बिना सीजन के भी यानी अगस्त से अक्टूबर के महीने में भी अच्छी पैदावार देने की क्षमता है। कटहल में ये विशेषता दुर्लभ है, जो बाजार क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। किसान नागराज इस किस्म के एक पेड़ से लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक मुनाफा कमा चुके हैं।

इस किस्म की अपार क्षमता को पहचानते हुए आईआईएचआर किसान नागराज को उनकी किस्म को पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के साथ पंजीकृत करने में सहायता कर रहा है। एक बार पंजीकृत होने के बाद नागराज को इस किस्म के संरक्षक के रूप में विशेष अधिकार प्राप्त होंगे। इसके बाद आईआईएचआर और किसान नागराज विविधता को बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे।

बता दें कि तुमकुरु के हिरेहल्ली में आईआईएचआर के कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिक केएन जगदीश ने सबसे पहले इस असाधारण फल को देखा और इसे आईआईएचआर वैज्ञानिकों के संज्ञान में लाया।