बाजार की स्ट्रॉबेरी निकली खराब, तो शुरू की खेती छप्परफाड़ करता हैं कमाई
नई दिल्ली। स्ट्रॉबेरी की खेती अब देश के कई गांवों में होने लगी है, जिसका उदाहरण मध्य प्रदेश के शाजापुर में देखने को मिल रहा है। दरअसल शाजापुर में प्रकाश चौहान ने बाजार से स्ट्राबेरी खरीदी, लेकिन वह खाराब निकली तो उन्होंने ठान लिया कि वे स्वयं ही शाजापुर में स्ट्राबेरी की खेती करेंगे और ताजा फल लोगों तक पहुंचाएंगे।
बंजर भूमि को बनाया उपजाऊ
शाजापुर में रहने वाले प्रकाश चौहान करीब एक बीघा जमीन में महाराष्ट्र से लाकर दस हजार पौधे लगाए। जो अब फल देने लगा है। प्रकाश का कहना है कि आमलोगों को उचित दाम पर ताजा फल मिल सके। वे बताते हैं आने वाले दिनों में खेती का दायरा और बढ़ायेंगे।
लागत कम मुनाफा ज्यादा
स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे किसान प्रकाश चौहान बताते हैं कि 10 हजार पौधे महाराष्ट्र से मंगवाए थे। एक पौधा 15 रुपए का पड़ा था, एक बीघा में स्ट्रॉबेरी के 10 हजार पौधा लगाई गई है। स्ट्रॉबेरी की रोपाई करने में लगभग दो लाख का खर्च आता है। महीने में लगभग डेढ़ लाख रुपए की कमाई हो रही है।
स्ट्रॉबेरी की खेती से फायदे
स्ट्रॉबेरी फ़्रागार्या जाति का एक फल होता है। इसकी खेती पूरे विश्व में की जाती है। ये लाल रंग की होती है। इसे ताजा फल के रूप में खाया जाता है। स्ट्रॉबेरी में कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए जरूरी होते हैं। बाजार में इसकी कीमत लगभग 300 रुपए तक है। एक एकड़ में इसकी खेती से एक साल में लगभग 15 लाख से ज्यादा कमाया जा सकता है।