In Himachal Pradesh's Kullu, the demand for American apples has increased, the horticulture department will provide plants

हिमाचल के कुल्लू में अमेरिकन सेब की बढ़ी डिमांड, बागवानी विभाग कराएगा पौधे मुहैया

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में बागवानों को इस बार नई किस्म के सेब एवं अन्य फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें 25 से अधिक नई प्रजातियों के पौधे बागवानों को वितरित किए जाएंगे। इस बार उद्यान विभाग के पास बागवानों ने एक लाख 78 हजार 520 पौधों की डिमांड दी है। इसमें कुल्लू में 25500 नग्गर में 31000 बंजार में 21250 निरमंड में 3450 आनी में 27250 पौधों की डिमांड दी गई है।

गौरतलब है कि प्रदेश के बागवानों को बागवानी विभाग इस बार नई किस्मों के सेब सहित अन्य फलदार पौधे मुहैया करवाए जाएंगे। इसमें 25 से अधिक नई प्रजातियों के पौधे बागवानों को वितरित किए जाएंगे। इस बार उद्यान विभाग के पास बागवानों ने एक लाख 78 हजार 520 पौधों की डिमांड दी है। इसमें कुल्लू में 25500, नग्गर में 31000, बंजार में 21250, निरमंड में 3450, आनी में 27250 पौधों की डिमांड दी गई है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना (एचपीएचडीपी) के तहत 70070 पौधों की डिमांड दी गई है।

ऐसे में इस बार बागवानों को पौधों की कमी नहीं सताएगी। इस बार विदेशी वैरायटी को ज्यादा तरजीह दी गई है। हर साल नई वैरायटी के पौधों की डिमांड बढ़ रही है। सेब में गाला, ट्रेस गाला, ब्राउन गाला, फेंजेम गाला, रेडलम गाला, गेल गाला, किंग राट, डार्क ब्राउन गाला, स्कारलेट, अर्ली रेड वन,रूट स्टाक, रायल डिलिशियस, हापका, फेनजेड,स्पर प्रजातियों की ज्यादा डिमांड की गई है। बागवान को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर पौधे मिलेंगे।

बागवानों को नए साल एक जनवरी से पौधों का वितरण करना शुरू कर देगा। सेब बगीचों में विभिन्न पौधे लगाने का काम दिसंबर से लेकर मार्च तक चलेगा। इन दिनों पौधों को लगाने के लिए मौसम अनुकूल है। कुल्लू जिले में करीब 73 हजार हेक्टेयर भूमि पर सेब के बगीचे हैं। उद्यान विभाग हर साल बागवानों को बेहतरीन किस्मों के फलदार पौधों को किफायती दामों पर मुहैया करवाया जाता है।

कुल्लू जिला में बागवानों को पौधे कलस्टर के माध्यम से बांटे जाएंगे। हर साल उद्यान विभाग के पास जो पौधों की खेप आती है वह कम पड़ जाती है। इस बार भी बागवान अधिक पौधे लगाएंगे। शुरुआत से ही मौसम अच्छा रहा है। हिमपात होने से इस बार सेब की बेहतर पैदावार की उम्मीद जगी है।