जम्मू-कश्मीर में फूलों की खेती के अपार संभावनाएं
कश्मीर: जम्मू-कश्मीर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियों के लिए जाना जाता है। यहां की मिट्टी, पानी, जलवायु और स्थलाकृति फूलों की खेती के लिए बेहद उपयुक्त हैं। राज्य में बागवानी और फूलों की खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, जो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करती है।
इतिहास में मुगलों ने यहां की सुंदरता से प्रभावित होकर कई बगीचे बनाए, जो आज भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। आज, जम्मू-कश्मीर में फूलों की खेती एक तेजी से बढ़ता उद्योग बन गया है। स्थानीय किसानों के साथ-साथ बड़े निवेशक भी इस क्षेत्र में रुचि दिखा रहे हैं।
विशेष रूप से, कश्मीर की जलवायु ग्लेडियोली और लिलियम जैसी बल्बनुमा फसलों की खेती के लिए आदर्श है। ये फसलें कश्मीर में न केवल उच्च गुणवत्ता वाले कट-फूल प्रदान करती हैं, बल्कि बल्ब उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। लिलियम की फसल को गुलमर्ग जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में देर से खिलाने की संभावना है, जिससे किसानों को बाजार में अनोखा लाभ मिल सकता है।
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फूलों की खेती के लिए किसानों को उन्नत uuबीज और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की आवश्यकता होती है। कश्मीर की जलवायु में उन फसलों की खेती भी संभव है, जो मैदानी इलाकों में उगाई नहीं जा सकतीं।
इस क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर फूलों की खेती को और बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे न केवल किसान लाभान्वित होंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।