Black grapes farming : काले अंगूर की खेती से मिलेगी अच्छी पैदावार, जानिए कैसे
नई दिल्ली। अंगूर सबका पसंदीदा फल होता है। इसका स्वाद सबको भाता है। यही नहीं अंगूर खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसके स्वाद के कारण बाज़ार में इसकी पूरे साल मांग बनी रहती है। किसानों को भी अच्छा दाम मिलता है। आप इसकी खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं। वैसे तो कई रंग के अंगूर बाजार में आपको मिल जाएंगे लेकिन सबसे अधिक काले अंगूर की मांग बाजार में ज्यादा होती है। ऐसे में काले अंगूर की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है। दुनिया में काले अंगूर की कई किस्में मौजूद हैं। तो सही समय पर अंगूर की खेती और अच्छी किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है, इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैं और न ही रोग होता है। इन किस्मों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अंगूर की खेती सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में होती है। अकेले नासिक में इसका उत्पादन 70 प्रतिशत होता है।
ब्युटी सीडलेस
यह जल्दी पकने वाली होती है। इसके दाने छोटे और मध्यम आकर की होती है। इस किस्म का ज्यादातर प्रयोग जूस को पीने की लिए किया जाता है।
काली शाहबी
यह किस्म प्रति हेक्टैयर के हिसाब से 12 से 15 किवंटल की पैदावार देती है यह किस्म मुख्य रूप से महाराष्ट और आन्ध्रप्रदेश में में अधिक उगाई जाती है।
अरका श्याम
इसकी बेरियां मध्यम लंबी, काली चमकदार, अंडाकार गोलाकार, बीजदार और हल्के स्वाद वाली होती है। यह किस्म एंथराकनोज के प्रति प्रतिरोधक है। यह शराब बनाने के लिए उपयुक्त है।
अरका नील मणि
इसकी बेरियां काली बीजरहित, खस्ता लुगदी वाली और 20-22 प्रतिश टीएसएस की होती है. यह किस्म एंथराकनोज के प्रति सहिष्णु है।
अरका कृष्णा
इसमें 20-21 प्रतिश टीएसएस होता है। औसतन उपज 33 टन/हेक्टेयर) है। यह किस्म जूस बनाने के लिए उपयुक्त है।