कांटा रहित खेजड़ी ‘थार शोभा’ बनी किसानों की पसंद

बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर में  स्तिथ केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान,  ने खेजड़ी की एक अनोखी किस्म विकसित की है, जिसका नाम ‘थार शोभा’ रखा गया है। यह खेजड़ी का पौधा कांटा रहित होने के साथ-साथ आकार में भी छोटा होता है, जिससे इसकी देखभाल और फसल तोड़ना दोनों में बहुत आसानी हो गयी है। आमतौर से  खेजड़ी का पेड़ 10-12 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है, जिस पर चढ़कर सांगरी तोड़नी पड़ती है।

गौरतलब बात यह है कि ‘थार शोभा’ का पौधा केवल 5-6 फीट तक की ऊंचाई को पहुँच पाता है, जिससे खड़े-खड़े ही सांगरी तोड़ी जा सकती है। तीन साल में यह पौधा सांगरी का उत्पादन शुरू कर देता है। इसकी पत्तियां जानवरों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

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केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रोफेशनल मनीष सोनी बताते हैं कि यह पौधा शुष्क इलाकों में खेती के लिए बेहद लाभकारी है। किसान इसे संस्थान की नर्सरी से मात्र 80 रुपये में खरीद सकते हैं। यह पौधा तीन साल में पेड़ बनकर सांगरी देने लगता है। एक बार में एक किलो तक सांगरी प्राप्त की जा सकती है।

पहली बार  2008 में संस्थान ने इस नई किस्म को तैयार किया था। उस समय से इसे शुष्क इलाकों जैसे  बीकानेर, जयपुर, श्रीगंगानगर और आसपास के  छेत्रों लगाया जा रहा है। इसके अच्छे उत्पादन के कारण किसान  खुश हैं।

शुष्क इलाकों में खेती के लिए खेजड़ी की यह नई किस्म किसानों के लिए एक उम्मीद बन कर सामने आयी है, जानवरों को खिलाने के लिए भी यह पौधा बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।