उत्तर भारत में आम के बागानों में मंजर का मौसम शुरू
पटना: आम उत्तर भारत में बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। इस समय आम के बागानों में मंजर (फूल) आने का मौसम शुरू हो गया है। किसान को इस महत्वपूर्ण समय में कई तरह कि चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उत्तर भारत में जनवरी से मार्च के बीच मंजर आते हैं। तापमान, नमी और किस्म के अनुसार यह समय थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है। आम में अच्छी फूलधारण (मंजर बनना) के लिए ठंडा और शुष्क मौसम जरूरी होता है।
मंजर आने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ: रात्रि का तापमान 10-15°C और दिन का तापमान 25-30°C होना चाहिए। अत्यधिक नमी और बारिश से मंजर झड़ सकते हैं। कोहरा और ठंड भी मंजर बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
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आम में Alternate Bearing की प्रवृत्ति होती है। यानी एक साल फल अधिक आते हैं और अगले साल कम। दशहरी और लंगड़ा जैसी किस्मों में यह समस्या अधिक देखी जाती है।
किसान अक्सर शिकायत करते हैं कि मंजर झड़ जाते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं: ठंड, कोहरा, बारिश और तेज़ हवा से मंजर गिर सकते हैं। नाइट्रोजन, बोरॉन और जिंक की कमी से मंजर कमजोर हो जाते हैं। पाउडरी मिल्ड्यू, ऐन्थ्रेक्नोज और मैंगो हॉपर कीट मंजर को नुकसान पहुंचाते हैं। मंजर के समय अधिक पानी देने से फूल झड़ सकते हैं।
किसानों को चाहिए कि वे बागानों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें, समय-समय पर कीट एवं रोगों की रोकथाम करें और मंजर के दौरान अधिक सिंचाई से बचें।