कृषि क्षेत्र के महान वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मोदी सरकार करेगी भारत रत्न से सम्मानित
नई दिल्ली। भारत में ‘हरित क्रांति’ के जनक माने जाने वाले दिवंगत कृषि वैज्ञानिक मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार यानी आज यह घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि स्वामीनाथन ने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एमएस स्वामीनाथन कौन थे?
7 अगस्त 1925 को जन्मे एमएस स्वामीनाथन देश के जाने माने कृषि वैज्ञानिक थे इसके साथ प्लांट जेनेटिस्ट और एडिमिनिस्ट्रेटर थे। उन्हें भारत में ‘हरित क्रांति के जनक’ के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने दुनिया भर के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से 81 मानद डॉक्टरेट की उपाधियां प्राप्त की थीं।
स्वामीनाथन ने 1949 में आलू, गेहूं, चावल और जूट के जेनेटिक्स पर रिसर्च करके अपना करियर शुरूआत किया था। उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे भारत के कम आय वाले किसानों को अधिक उपज करने में मदद मिली।
1979 में में बने कृषि मंत्रालय के प्रमुख सचिव
स्वामीनाथन ने कई प्रशासनिक पदों पर भी काम किया। उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने 1979 में कृषि मंत्रालय के प्रमुख सचिव के रूप में भी काम किया। स्वामीनाथन को 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। स्वामीनाथन को देश के तीन सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है।
भारत सरकार ने आज देश के लिए अहम योगदान देने वाली तीन प्रतिष्ठित हस्तियों को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न देने की घोषणा की है। महान कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन, पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्वप्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव का नाम शामिल हैं।