यूपी की कृषि संस्कृति से अवगत होंगे दो लाख से अधिक किसान
इस वर्ष दिसंबर में लखनऊ में संभावित है कृषि कुंभ 2.0, आयोजन को ग्लोबल बनाने में जुटी योगी सरकार
कृषि जगत में भी तेजी से खुलेंगे निवेश के द्वार, तकनीक रूप से किसानों को समृद्ध करने में कारगर होगा यह आयोजन
श्री राम शॉ
नोएडा / लखनऊ। देश-दुनिया के लगभग दो लाख से अधिक किसान यूपी की कृषि संस्कृति से अवगत होंगे। इसके लिए योगी सरकार दिसंबर में संभावित कृषि कुंभ 2.0को अभूतपूर्व बनाने की तैयारियों में जुट गई है। नवीन तकनीक व नवाचार से भी यूपी के किसान अवगत होकर तकनीकी रूप से और संपन्न होंगे। इसका आयोजन लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में कराया जाएगा। 2017 में योगी सरकार के गठन के पश्चात 2018 में कृषि कुंभ 1.0 आयोजित किया गया था, जो काफी सफल रहा।
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कृषि कुंभ का दूसरा एडिशन कारगर बनाने पर जोर
विगत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक ली थी। इसमें कृषि कुंभ के दूसरे संस्करण में 02 लाख से अधिक किसानों की प्रतिभागिता पर उनका जोर रहा। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की कृषि एवं संवर्गी सेक्टर की ख्यातिलब्ध कंपनियों/संस्थाओं, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्रों, प्रगतिशील किसानों को आमंत्रित करने का निर्देश दिया था। इसमें जापान, इजरायल, जर्मनी, यूएसए समेत कई देशों में खेती-किसानों के नए कार्यों को जानने के लिए इनके सहभागिता पर भी बल दिया।
कृषि से जुड़े कई विषयों पर होगी चर्चा
कृषि कुंभ के दौरान गौ-आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने की तैयारियों, श्री अन्न के प्रोत्साहन, एफपीओ आधारित व्यवसाय, खेती की लागत को कम करने, पराली प्रबन्धन के साथ-साथ $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाले राज्य में कृषि सेक्टर के योगदान को बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा भी पर सीएम का जोर रहा। इसमें कृषि के विभिन्न आयामों से जुड़े विषयों पर चर्चा-विमर्श, व्याख्यान, कृषि ड्रोन का प्रदर्शन, कृषि प्रदर्शनी आदि भी लगेगी।
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उपलब्धियों से भरा था कृषि कुंभ 1.0
2017 में योगी सरकार बनने के बाद 2018 में पहला कृषि कुंभ लगा था। इसकी सराहना पूरे देश में की गई थी। कृषि व अन्य विभागों की तरफ से एक लाख से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया था। 14 सत्रों में कई विषयों पर चर्चा भी हुई। इसमें 300 से अधिक कंपनियों व संस्थाओं ने हिस्सा लिया था। इसमें दो करोड़ की राजस्व प्राप्ति भी हुई थी। पराली प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला भी हुई थी। कृषि कुंभ 1.0 काफी उपलब्धियों भरा रहा।