नई दिल्ली। पहाड़ी राज्यों में फल उत्पादकों को नई तकनीक अपनाकर बागवानी का विकास करना होगा। यह बात पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के निदेशक विरेंद्र जुयाल ने कही। उन्होंने कहा कि पहाड़ में जंगली जानवर खेत में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका फायदा उठाकर बागवानी करने वाले किसान को आत्मनिर्भर बनकर हरित उत्तराखंड सरकार के सपने को साकार करने में अपना योगदान देना चाहिए। इसके लिए बागवानों को समर्पित भाव से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उत्तराखंड में बागवानी विश्व विद्यालय खोले जाने की मांग भी काश्तकारों ने की है, जिसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इस दौरान उनके साथ आदित्य नारायण, केदारनाथ कोटियाल, रोहित मिश्रा, गुरु प्रसाद कोठारी, गिरीश कोटियाल आदि मौजूद थे।
आम तौर पर उत्तराखंड में सेब की खेती की जाती है। यहां की सेब दुनिया भर में मशहूर हैं। अब उत्तराखंड के दुनिया के बाजारों में छाने की तैयारी कर रहा है। सरकार भी मिशन एप्पल के जरिए बागवानों की मदद को आगे आ रही है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के निदेशक विरेंद्र जुयाल ने बागवानी करने वाले किसानों के लिए कई योजनाए संचालित की जाएगी।