Natural farming techniques taught to farmers on World Soil Day in Patola, Himachal

हिमाचल के पटोला में विश्व मृदा दिवस पर किसानों को सिखाए प्राकृतिक खेती के गुर

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से आए कृषि विज्ञान के छात्रों, कृषि वैज्ञानिकों और किसान श्री सम्मान से सम्मानित बलवीर सैणी के नेतृत्व में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस विश्व मृदा दिवस का आयोजन धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गांव पटोला में चार महीनों का प्रशिक्षण सत्र ग्रामीण कृषि कार्य अध्ययन के चलते इन छात्रों ने गांव पटोला के किसानों साथ अन्य किसानों को कृषि से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्रदान कीं।

इस शिविर में किसानों को मृदा परीक्षण, प्राकृतिक खेती में जीवामृत, बीजामृत, वाफसा और एक फसल के साथ अन्य फसल को कैसे लगाएं, सरसों एवं गेहूं की खेती में खाद एवं उर्वरक डालने साथ ही गेहूं की फसल में खुली कंग्यारी नामक बीमारी का उपचार, गेहूं में सबसे अधिक फैलने बाली बीमारी पीला रतुआ की रोकथाम के बारे दवाई का प्रयोग, आलू की फसल में झुलसा रोगों की रोकथाम कैसे करें।

इस अवसर पर किसानों को गोभी की सब्जी में जब इसकी पनीरी उगाई जाती है, तो डेंपिंग ऑफ नामक बीमारी की रोकथाम और जब गौभी की पनीरी की फसल को किसान खेतों में लगाता है, तो क्लब रूट नामक बीमारी की रोकथाम के लिए भी जानकारी दी। कृषि विश्व विद्यालय पालमपुर के इन आठ छात्रों शशि सिकरीवाल, अर्चित शर्मा, इश्नव गुलेरिया, सनमोल ठाकुर, पवन भारद्वाज, चंद्रभान, तेजस्वी सोनी और विशाल मौर्या ने इस शिविर में मौजूद किसानों को प्रशिक्षित किया।