फलों और सब्जियों में कीटनाशक का प्राकृतिक समाधान: नीम और तुलसी
नई दिल्ली: आजकल के किसान खेती में ज़हरीले कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना चाहते। उन्हें विश्वास है कि इनसे उनके फलों और सब्जियों में भी जहर फैल सकता है। इसी कारण वे प्राकृतिक तरीकों से खेती करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कीट प्रबंधन सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हो। नीम और तुलसी जैसे पौधों के अर्क का उपयोग किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। किसानों के सबसे बड़ी समस्या यह यही कि इनसे कैसे कीटनाशक बनाए जाए।
इसे भी पढ़ें:फूलों की खेती और शोध कार्य के लिए ग्वालियर के नर्सरी को हरी झंडी
नीम के पत्तों और बीजों से बना अर्क न केवल कीटों को दूर रखता है, बल्कि यह फसल के लिए पूरी तरह सुरक्षित भी है। नीम के तरल को तैयार करने के लिए, किसान हरी नीम की पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाते हैं और कुछ समय के लिए उसे छोड़ देते हैं। फिर इसे छानकर, साबुन मिलाकर तैयार किया जाता है। इसी प्रकार, तुलसी के पत्तों से भी कीटों को दूर रखने वाला एक मिश्रण बनाया जा सकता है, जो कैटरपिलर, फल मक्खियां और अन्य कीटों को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
यह प्राकृतिक कीटनाशक न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि इसे आसानी से तैयार भी तैयार किया जा सकता है । इसका उपयोग करना भी बहुत आसान है, इसको आसानी के साथ पौधों पर छिड़काव कर सकते है. इस प्रकार के उपायों को अपनाकर किसान न सिर्फ अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित कर सकते हैं।