एनजीटी ने वनीकरण भूमि दुरुपयोग पर दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नजफगढ़ के खरखरी जटमल गांव में वनीकरण के लिए आवंटित वन भूमि के कथित दुरुपयोग पर दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित विभागों से जवाब मांगा है। याचिका के अनुसार, 2005 में ग्राम सभा की 125 बीघा (लगभग 30 हेक्टेयर) जमीन वन विभाग को वनीकरण के लिए आवंटित की गई थी। उस समय उपराज्यपाल ने इस जमीन को हरियाली बढ़ाने और प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से मंजूरी दी थी।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि इस जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया और वहां अवैध निर्माण और अनधिकृत कृषि गतिविधियां शुरू कर दीं। साथ ही, इस क्षेत्र का सीमांकन अधूरा था और वहां से भूजल की अवैध निकासी और बिक्री भी की गई।

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एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए 2 जनवरी को दिल्ली सरकार, उप वन संरक्षक, वन और वन्यजीव विभाग और संबंधित उप-विभागीय मजिस्ट्रेट से जवाब तालाब किया है।

पीठ ने निर्देश दिया है कि सभी प्रतिवादी 22 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले हलफनामे के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जमा करें। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य भी शामिल थे।

यह मामला वन संरक्षण और पर्यावरणीय मुद्दों से जुड़ा है, जो हरित क्षेत्र की सुरक्षा और उसके सही उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित करता है।