अब दक्षिण भारत में भी होगी शाही लीची की खेती, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र कर रहा है शोध
नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर की शाही लीची की मांग देश ही नहीं बल्की पूरे विश्व में है। अब शाही लीची की दायरा बढ़ाने के लिए दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में भी इसकी खेती की जाएगी। इसके लिए बिहार के राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र शोध कर रहा है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने अपने परिसर में लीची बैंक की स्थापना की है। जिसमें 37 हजार लीची के पौधे लगाए गए हैं। शोध के बाद इन पौधों को अलग-अलग राज्यों के किसानों के लिए भेजा जाएगा। संस्थान ने पहले ही यहां से पांच हजार पौधा अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक को भेजा है। संस्थान का उदेश्य है कि अन्य राज्यों के इच्छुक किसानों को भी पौधे भेजकर लीची उत्पादन को बढ़ाए। इसके लिये लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक विशेष तरीके से पौधों को तैयार कर रहे हैं और इसकी विधिवत देखभाल की जा रही है।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निर्देशक डॉ विकास दास ने कहा कि पूरे देश में लीची की बागवानी करने के लिए हम लागातार प्रयास कर रहे है। देश के दक्षिण और पश्चिमी भाग में रहने वाले किसान यहां से पौधे खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। यहां से उन्हें लीची के पौधे दिये जा रहे हैं। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र एससी समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लीची से जुड़े उत्पादों का प्रशिक्षण दे रही है।