पपीते की खेती से किसान कर सकते हैं मोटी कमाई
सिमडेगा: किसान यदि आधुनिक तकनीक से पपीते की व्यावसायिक खेती करें, तो यह उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, पपीते की फसल से प्रति हेक्टेयर तीन लाख रुपये की सालाना कमाई की जा सकती है। खासकर ‘रेड लेडी’ प्रजाति की पपीते की खेती किसानों को मालामाल बना सकती है।
पपीता एक उष्णकटिबंधीय फल है और इसकी खेती लगभग साल भर की जा सकती है। पपीते की फसल को सही मात्रा में पानी की जरूरत होती है; अन्यथा, फसल के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। इसकी खेती उन्हीं खेतों में करनी चाहिए, जहां पानी का जमाव न हो। गर्मियों में हर हफ्ते और सर्दियों में हर दो हफ्ते पेड़ों में पानी की जरूरत होती है। इसके अलावा, उन्नत बीजों का चयन अधिकृत स्थानों से ही करना चाहिए। पौधों को कीटनाशक और फफूंदनाशक दवाइयों से सुरक्षित रखना भी जरूरी है।
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पपीते के बेहतर उत्पादन के लिए 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और बलुई दोमट मिट्टी को आदर्श माना जाता है। इस पौधे को एफीड और सफेद मक्खी के कारण पर्ण संकुचन और रिंग स्पॉट जैसी बीमारियों से बचाने के लिए डाइमथोएट का छिड़काव करना चाहिए। किसी भी समस्या के लिए कृषि सलाहकार केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
किसान पपीते के पौधों के बीच खाली जगह में प्याज, पालक, मेथी, मटर या बीन जैसी सब्जियां भी उगा सकते हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ सकती है। हां, एक सावधानी बरतनी चाहिए कि एक बार फसल लेने के बाद उसी खेत में तीन साल तक पपीते की खेती न करें; अन्यथा, फलों का आकार छोटा हो सकता है। इस प्रकार, पपीते की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है।