Persimmon fruit cultivation

युवाओं की आय का अच्छा जरिया बन रहा है पर्सिमन फल की खेती

नई दिल्ली। जिला कुल्लू में जहाँ सेब एक प्रमुख नकदी फसल है वहीं अब जिले के कई प्रगतिशील किसान जापानी फल यानि पर्सिमपन की पैदावर से अच्छी खासी आय अर्जित कर रहे हैं। कुल्लू में जापानी फल की खेती मध्यम ऊंचाई (2000 से 4000 फुट) वाले इलाकों में की जाती है। खासकर सिंचाई वाले इलाकों में जापानी फल की पैदावार बेहतर होती है। जापानी फल को अंग्रेज़ी में पर्सीमन कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम डायोसपायरोस काकी है। दुनियाभर में इसकी 400 से ज़्यादा प्रजातियां हैं। हालांकि, इसकी 2 प्रजातियां-हचिया और फ़ूयू बेहद लोकप्रिय हैं। लग घाटी के छुरला गाँव के गुरदेव ठाकुर का कहना है कि जापानी फल की खेती में कम लागत और रखरखाव होता है। यहाँ पर शत-प्रतिशत लोग जापानी फल की बागवानी कर रहे है, पक्षियों द्वारा फलों को पहुँचाए जाने वाले नुकसान से बचाव के लिए किसानों द्वारा जाली का प्रयोग किया जाता है

छुरला गांव मणि राम ठाकुर बताते है कि कुछ वर्षों पहले तक इसका कोई विशेष बाजार नहीं था और न ही अच्छे दाम मिलते थे। आज मंडियों में जापानी फल को बेहतर दाम मिल रहे हैं, जिससे बागवानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है। बाज़ार में जापानी फल को 40 से 85 रुपये के दाम मिल रहे हैं । छुरला गाँव के ही युवा गौरब ठाकुर गौरव फ्रूट गार्डन के नाम से जापानी फल को बाजार में बेचते है यहाँ उनके पास देशभर से व्यापारी फसल पर ही बगीचों को खरीद लेते हैं, और इस फल का तुड़ान दिसम्बर महीने में होता है, उनकी कम्पनी 15 से 20 लोगों को रोज़गार भी प्रदान कर रही हैं जापानी लोग इसे ख़ुरमा भी कहते हैं।

चिकित्सक इस फल के सेवन को स्वास्थ्य के लिए रामबाण मानते। परसीमन फल में प्रोटीन और वसा की मात्रा ज़्यादा होती है व इसके सेवन से दिल और लिवर पर फ़ायदेमंद माना जाता है । परसीमन की खेती आमतौर पर जापान, चीन, कोरिया, ब्राजील, इटली और तुर्की जैसे देशों में की जाती है। भारत में, यह फल, जिसे स्थानीय तौर पर आमलोक या जापानी फल के नाम से जाना जाता है। जपानी फल के लिए मध्यम जलवायु सबसे अच्छी होती है। बाग़वानी विशेषज्ञ का कहना है कि परसीमन उपोष्ण कटिबंधीय और समशीतोष्ण परिस्थितियों के बीच सबसे अच्छा बढ़ता है। इसको परिपक्व होने के लिए लंबे और गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। यह -2 डिग्री सेंटीग्रेड तक ठंड सहन कर सकता है। हालांकि, ठंडे तापमान में यह निष्क्रिय हो जाता है।