Bair horticulture

कम जलस्तर में बेर की खेती, लाखों की हो रहा है मुनाफा

नई दिल्ली। कृषि कार्य के लिए गिरता जलस्तर किसानों के लिए बड़ी समस्या बन रहा है, इसके बावजुद युवा किसान गौरव ने बेर की बागवानी लगाकर एक मिसाल कायम की है। मेडिकल के क्षेत्र में डिप्लोमा धारक गौरव अब बागवानी कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।

कम जलस्तर वाले इलाके में किसान गौरव ने बेर की खेती करनी शुरू कर दी। उसने अपने पिता के साथ मिलकर एकड़ जमीन पर बेर की बागवानी शुरू की। पानी के कमी के कारण इन  पौधों में ड्रॉपिंग सिस्टम से पानी दिया। गौरव ने यहां लगभग आधा दर्जन उन्नत किस्म के बेरों की पौधे जिनमें ग्रीन एप्पल, कश्मीरी एप्पल, रेड सुंदरी, बोल सुंदरी व बगैर गुठली के बेर की बागवानी देशी खाद की मदद से की। गौरव ने 2 एकड़ की फसल मात्र डेढ़ साल में साढ़े तीन लाख मुनाफे के साथ बेची।

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इस साल 7 लाख मुनाफा की उम्मीद

कम जलस्तर में खेती कर गौरव चर्चा का विषय बने हुए हैं। अब उनका परिवार भी बेर की बागवानी से खुशहाल नजर आ रहा है। गौरव ने बताया कि इस बार 2 एकड़ में बेर की खेती से लगभग 7 लाख का मुनाफा होने की उम्मीद है। गौरव के पिता ने बताया कि डार्क जोन में अच्छे के साथ कम पानी से बागवानी कर आस पास के डार्क जोन के किसानों को एक अच्छा सन्देश देने का काम किया है।

कम पानी में भी बाग तैयार

गौरव का कहना है कि एक साल में ड्रॉपिंग सिस्टम लगाकर बाग तैयार किया जा सकता है। उसके बाद पानी की जरूरत न के बराबर होती है। बाग लग जाने के बाद कम पानी और ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि कम जलस्तर में भी आमदनी कई गुणा अधिक होती है।

ड्रॉपिंग सिस्टम क्या है?

ड्रिप सिंचाई पद्धति, सिंचाई की आधुनिकतम पद्धति है। इस पद्धति में पानी की अत्यधिक बचत होती है इस पद्धति के अन्तर्गत पानी पौधों की जड़ों में बूंद-बूंद करके लगाया जाता है। इस पद्धति में जल का अपव्यय नगण्य होता है। वह पद्धति दूर-दूर बोई जाने वाली फसलों जैसेंः- आम, अंगूल पपीता इत्यादि में अत्यधिक सफल पायी गयी है।

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