लखनऊ: बागवानी से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए मई माह से तैयारी शुरू करना बागवानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। वैज्ञानिक तरीके से लगाया गया बगीचा कम समय में बेहतर उत्पादन देता है। ऐसी जगह बगीचे के लिए चुनें जहाँ पानी का जमाव न हो और जमीन के नीचे पत्थर या कंकड़ की सख्त परत न हो। खेत को समतल करें और पानी निकासी की व्यवस्था करें। सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकें अपनाई जा सकती हैं।
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जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव के अनुसार, आम, अमरूद, आंवला, बेल और नींबू जैसे फलों के बाग लगाने में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पौधा लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से तैयारी जरूरी है।
बाग लगाने के लिए मई महीने में गड्ढों की खुदाई शुरू कर दें। एक मीटर चौड़े और लंबे गड्ढों को खोदकर उसमें ऊपर की मिट्टी नीचे और नीचे की मिट्टी ऊपर डालें। गड्ढों को एक महीने तक खुला छोड़ने से उसमें मौजूद कीड़े, रोगाणु और खरपतवार के बीज नष्ट हो जाते हैं।
जून के अंत में गड्ढों की भराई करें। भराई से पहले 25 से 50 ग्राम फोरेट दवा मिट्टी में मिलाएं। पौधे लगाते समय रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्राकृतिक तरीके से तैयार की गई जमीन और देखरेख से बगीचा अधिक फल देगा और बागवानों को अच्छा लाभ मिलेगा।