PTWG: शलजम की खेती करनी है तो उगाएं ये किस्म, मिलेगा बढ़िया उत्पादन
अगर आपको शलजम के अलग-अलग किस्मों के बीज चाहिए तो राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन हाइब्रिड किस्म का बीज बेच रहा है, जिसे आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।
नर्सरी टुडे डेस्क
नई दिल्ली। शलगम को शलजम (Turnip) के नाम से भी जाना जाता है। यह देखने में बिल्कुल चुकंदर जैसा होता है, बस दोनों के रंग में फर्क होता है। इस एकल जड़ वाली सब्जी को लोग फल के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं। इसे सब्जी और सलाद दोनों रूपों में खाया जाता है। इसकी खेती जड़ों और पत्तों के लिए की जाती है। इसके पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, लेकिन स्वाद में कड़वे होते हैं इसलिए इन्हें उबालकर खाने की सलाह दी जाती है।
अगर आप भी शलजम की खेती करना चाहते हैं और इसकी उन्नत किस्म ‘पर्पल टॉप वाईट ग्लोब’ (PTWG) का बीज मंगवाना चाहते हैं तो ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं। इस बीज को आप अपने किचन गार्डेन में भी लगा सकते हैं। दरअसल, राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शलजम की इस उन्नत किस्म का बीज बेच रहा है। इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं, लिंक ये है- https://www.mystore.in/hi/product/nsc-crop-turnip-variety-ptwg-100-gram
PTWG की खासियत
शलजम की पर्पल टॉप वाईट ग्लोब (PTWG) किस्म आकार में सामान्य से बड़ी होती है, जिसका ऊपरी भाग बैंगनी और गूदा सफेद होता है। इसे तैयार होने में 60 से 65 दिन का समय लगता है, वहीं इसका उत्पादन 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है। PTWG बीज 100 ग्राम का पैकेट 37 रुपये में ऑनलाइन मिल जाएगा।
कोदो का भी मिलेगा बीज
कोदो भारत का एक प्राचीन अन्न है जिसे ऋषि अन्न भी कहा जाता है। यह एक मोटा अनाज है जिसकी मांग अब लोगों में काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। कोदो एक ऐसा मोटा अनाज है जिसे किसान बड़े आसानी से अपनी खेतों में उगा सकते हैं, वहीं कोदो की एक किस्म है RK 390-25. इस किस्म की खेती भारत के लगभग सारे राज्यों में की जाती है। ये किस्म 60-80 दिनों में तैयार हो जाती है। कोदो की बीज का चार किलो का पैकेट आपको मात्र 306 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा।
बैंगन का भी बीज उपलब्ध
यदि आप एक किसान हैं तो आप बैंगन की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बता दें कि बैंगन लंबे समय तक उपज देता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो बैंगन एक बारहमासी पौधा है। किसानों को बैंगन की PPP किस्म की खेती करनी चाहिए। इस किस्म की ये खासियत है कि इसके पौधों में कांटे नहीं होते हैं और इसके पौधे में 4-9 फल प्रति गुच्छे में पैदावार देता है। इसकी पहली तुड़ाई रोपाई के 60-65 दिन बाद शुरू हो जाती है, वहीं इसकी किस्म का 100 ग्राम का पैकेट राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर 48 रुपये में मिल जाएगा।