Rajasthan government takes action to investigate medicinal plants

औषधीय पेड़–पौधे की जांच के लिए एक्शन मोड में राजस्थान सरकार

नई दिल्ली।  राजस्थान की भजनलाल  सरकार इनदिनों एक्शन मोड में नजर आ रही है। राज्य  में कोरोना काल में सरकार के द्वारा चलाई गई 210 करोड़ रुपए की ‘घर-घर वन औषधि’ योजना के तहत  गांव-गांव में औषधि पौधे लगाए गए थे। अब भजनलाल शर्मा की सरकार इसकी जांच करा रही है। राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा ने हाल ही में वन विभाग की समीक्षा बैठक में इस आशय का निर्देश दिया। वन मंत्री ने अधिकारियों को सोच-समझकर आंकड़े पेश करने की चेतावनी दी है। अब अधिकारी घरों में लगे पौधों का वेरिफिकेशन करेंगे।

15 करोड़  पौधों का  होगा वेरिफिकेशन

हालांकि, 15 करोड़ पौधों का वेरिफिकेशन करना बहुत कठिन है। इसके लिए वन विभाग पूरी तैयारी में है। मंत्री ने यहां तक कहा है कि अगर आंकड़ों में कोई गड़बड़ी पायी गयी तो वह खुद इसका सत्यापन करेंगे।

कोरोना काल में घर-घर लगाए  गए थे औषधि पौधे

कोरोना काल में राजस्थान में 210 करोड़ रुपये की ‘घर-घर वन औषधि योजना’ के तहत करीब 15 करोड़ पौधे लगाए गए थे। सरकार ने कोरोना काल में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के लोगों को औषधीय प्रजाति के आठ प्रकार के पौधे वितरित किए गए  थे। प्रदेश के वन विभाग एक बार फिर से औषधीय प्रजाति के पौधे लगाना चाहती है। दरअसल, राजस्थान में हर साल करोड़ों पौधे लगाने के बावजूद हरियाली उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पा रहा है, जिसको लेकर वन विभाग की समीक्षा बैठक में पौधों की जांच के आदेश दिए गए हैं।