एक करोड़ पौधे लगाने वाले रामैया का 87 वर्ष की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख
हैदराबाद: प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले दरिपल्ली रामैया का 12 अप्रैल 2025 को 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। “वनजीवी रामैया” के नाम से प्रसिद्ध रामैया तेलंगाना के खम्मम जिले के रहने वाले थे। उनका जन्म 1 जुलाई 1937 को रेड्डीपल्ली गांव में हुआ था।
रामैया ने अपने जीवन के पाँच दशक से अधिक समय पर्यावरण संरक्षण को समर्पित कर दिया। उन्होंने अकेले ही खम्मम और आसपास के इलाकों में 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाए। वे जहाँ भी जाते, जेब में बीज और पौधे लेकर चलते थे और लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करते थे।
इसे भी पढ़ें: फूल सूखने से दुकानदारों को हो रहा भारी नुकसान
पीएम नरेन्द्र मोदी सहित कई अन्य नेताओं ने रावैया के निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा कि दरिपल्ली रामैया के अथक प्रयासों में प्रकृति के प्रति गहरा प्रेम और भावी पीढ़ियों के प्रति चिंता झलकती है। उनका काम युवाओं को हरित ग्रह बनाने के प्रयास के लिए प्रेरित करता रहेगा।
उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने गहरा दुख व्यक्त किया। किशन रेड्डी ने लिखा, “रामैया का जीवन पर्यावरण के लिए एक मिसाल है।” मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, “उन्होंने समाज को जागरूक कर पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया।”
उन्हें 2017 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें सेवा पुरस्कार (1995), वनमित्र पुरस्कार (2005) और राष्ट्रीय नवाचार एवं पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार (2015) भी मिल चुका है। राज्य सरकार की हरिता हरम योजना में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। रामैया का योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।