हिमाचल में ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों का होगा पंजीकरण
नई दिल्ली। हिमाचल सरकार प्रदेश में पारंपरिक खेती की जगह अब ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। इसी श्रृंखला में प्रदेश सरकार ने राज्य में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ऑर्गेनिक खेती करने वाले सभी किसानों का पंजीकरण कर रही है जिससे सरकार के पास डाटा तैयार हो सके। साथ ही ऐसे किसान जो ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं उन्हें लाभ देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इन किसानों को सरकार योजनाओं सहित अन्य सुविधाओं को लेकर जागरूक कर सकेगी। इससे संबंधित निर्देश सरकार ने कृषि विभाग को जारी कर दिए हैं। इसके अलावा ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को सरकार ने विशेष सुविधा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए इस कड़ी में फल व सब्जी मंडियों में ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए अलग से स्टॉल लगाने की योजना है, ताकि यह उत्पाद अलग से व आसानी से खरीददारों को मिल सकें।किसानों का
किसानों का किया जाएगा प्रमाणीकरण
ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों का प्रमाणीकरण भी किया जाएगा, ताकि कोई अन्य किसान ऑर्गेनिक के नाम पर अपने उत्पाद न बेच सके। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी प्रावधान करने की योजना है। ऐसे में वह ही किसान ऑर्गेनिक के नाम पर अपने उत्पाद बेच सकेंगे, जो वास्तव में इस माध्यम से अपनी खेती कर रहे हैं।
ऑर्गेनिक खेती से बढ़ेगी जमीन की उर्वरा शक्ति
प्रदेश सरकार ने राज्य में प्राकृतिक खेती योजना को बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही इस योजना की जांच भी करवाई जा रही है। हालांकि विभाग ने दावा किया है कि राज्य में 1.71 लाख किसान व बागवान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती करने के पीछे सरकार का तर्क है कि ऑर्गेनिक खेती से जमीन की उर्वरता को पुन: जीवित किया जा सकता है। साथ ही पूर्व सरकार ने ऑर्गेनिक खेती के बजट को प्राकृतिक खेती की ओर डाइवर्ट किया था।
कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार का कहना है कि प्रदेश में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार की गई है। इसके तहत ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को पंजीकृत किया जाएगा। इसके अलावा खेती करने वाले किसानों को और भी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती योजना को अपनाने से हुए लाभ व नुक्सान की छानबीन भी दी जा रही है।